Move to Jagran APP

ये क्‍या... शव एक, पहचान दो, आखिर संदिग्ध है कौन ?

शव एक पहचान दो आखिर संदिग्ध है कौन ? एक पहचान पत्र में नाम सुरेंद्र सिंह दूसरे में इम्तियाज अहमद। पुलिस ने शुरू की मामले की जांच जल्द सच्चाई लाने का दावा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 08:42 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 08:42 AM (IST)
ये क्‍या... शव एक, पहचान दो, आखिर संदिग्ध है कौन ?
ये क्‍या... शव एक, पहचान दो, आखिर संदिग्ध है कौन ?

जम्मू,  राज्य ब्यूरो। शव एक। पहचान के दस्तावेज दो। नाम दो और फोटो एक ही। एक पहचान पत्र में नाम सुरेंद्र सिंह और दूसरे में इम्तियाज अहमद। दोनों दस्तावेज सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किए गए। आखिर यह संदिग्ध व्यक्ति हकीकत में है कौन? यह सवाल श्री महाराज हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल श्रीनगर के पास एक नाली से युवक का शव मिलने के बाद खड़े हो रहे हैं। पुलिस के लिए भी यह मामला पेचिदा बन गया है, आखिर शव को किसके हवाले किया जाएगा। इसके साथ ही सरकारी एजेंसियां भी सवालों के घेरे में आ गई हैं, कि आखिर एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग नाम से पहचान पत्र कैसे जारी हो गए हैं।

loksabha election banner

श्रीनगर पुलिस को सोमवार को एसएमएचएस अस्पताल के पास एक नाली से युवक का शव मिला। शव की तलाशी लेने पर ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड दो पहचान पत्र मिले। ड्राइविंग लाइसेंस में युवक का नाम सुरेंद्र सिंह पुत्र हंस राज निवासी चकतरा डोडा है, जबकि आधार कार्ड में इम्तियाज अहमद पुत्र अब्दुल रहमान निवासी परनोट, डोडा दर्ज है। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों पहचान पत्र में एक जैसे ही फोटो लगे हैं। हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन शव से दो अलग-अलग पहचान पत्र मिलने से मामला काफी संदिग्ध हो गया है। पुलिस का कहना है कि छानबीन शुरू कर दी है और शव की असली पहचान जल्द ही पता चल जाएगी।

आखिर दो पहचान पत्र कैसे बने?

एसएमएचएस के पास नाली में मिले दो पहचान पत्रों ने सरकारी एजेंसियों की कार्यप्रणाली को भी संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। आखिर एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग पहचान पत्र कैसे बन गए हैं। पहला पहचान पत्र ड्राइविंग लाइसेंस है जो राज्य सरकार ने जारी किया है, जबकि दूसरा आधार कार्ड केंद्र सरकार का भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण जारी करता है। दोनों ही एजेंसियां पहचान पत्र बनाने के लिए कई पहचान पत्र के दस्तावेज मांगती है। मगर इस मामले में एजेंसियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

व्यक्ति संदिग्ध तो नहीं?

जिस प्रकार से पहचान पत्रों पर अलग-अलग नाम है, उससे व्यक्ति के संदिग्ध होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। हो सकता है कि देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया गया हो। हालांकि इसका खुलासा तो पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन कुल मिलाकर शव के मिलने के बाद मामला पूरी तरह से संदिग्ध हो गया है।  

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.