Jammu : रामगढ़ के सीमावर्ती गांव दग से लोगों ने पकड़ा पूर्व आतंकी, पुलिस के हवाले कर दिया
वह कई साल तक पाकिस्तान में भी रहा और आतंकी गतिविधियों में नए युवाओं को भर्ती करने में भी मदद करता रहा। रहा। फारूक ने कुछ वर्ष पूर्व ही आत्मसमर्पण किया था लेकिन फिर से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया।
संवाद सहयोगी, सांबा/रामगढ़: रामगढ़ ब्लाक के सीमावर्ती गांव दग से वीरवार देर रात स्थानीय लोगों ने एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना नाम फारूक अहमद (45) पुत्र अब्दुल करीम निवासी डोडा बताया है।
संदिग्ध मिलने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष दस्ते एसओजी, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे दग, जेरडा और नारायणपुर में सुबह 11 बजे से दोपहर में तीन बजे तक एसओजी विंग के डीएसपी गारूराम के नेतृत्व में तलाशी अभियान चलाया। रक्षा सूत्रों की मानें तो पकड़ा गया व्यक्ति आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा है।
वह कई साल तक पाकिस्तान में भी रहा और आतंकी गतिविधियों में नए युवाओं को भर्ती करने में भी मदद करता रहा। रहा। फारूक ने कुछ वर्ष पूर्व ही आत्मसमर्पण किया था, लेकिन फिर से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया। फिलहाल इस मामले में पुलिस के अधिकारी ज्यादा बताने से बच रहे हैं। एसओजी के डीएसपी गारूराम ने इसी रूटीन का सर्च आपरेशन ही कहा। हालांकि जहां इसे पकड़ा गया, वह स्थान सीमा से महज एक किलोमीटर दूर है।
सीमा से सटे इलाकों में कुछ माह में 11 सुरंगों को पता लगाया गया है। कई बार पाकिस्तान ने ड्रोन के माध्यम से इन इलाकों में हथियार भी गिराए। इसके बाद भी अब तक कोई ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) नहीं पकड़ा गया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि पुलिस की पूछताछ में आरोपित कई राज उगल सकता है।
पुलिस उससे यह जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रही है कि क्षेत्र में उसके कौन-कौन मददगार हैं और वह डोडा से यहां क्या करने आया था, लेकिन वह कुछ जानकारी नहीं दे रहा है।