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जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की सियासत से जुड़े इंजीनियर रशीद टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार

कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चेयरमैन मिया क्यूम हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज और गिलानी के दोनों बेटों व एक नाती से भी पूछताछ हो चुकी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 11:20 AM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 11:20 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की सियासत से जुड़े इंजीनियर रशीद टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की सियासत से जुड़े इंजीनियर रशीद टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार को पूर्व विधायक और अवामी इत्तेहाद पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर रशीद को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाले जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की सियासत से जुड़े पहले नेता हैं। उनकी गिरफ्तारी के साथ ही टेरर फंडिंग मामले में पकड़े गए लोगों की संख्या करीब 17 हो गई है।

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कश्मीर घाटी में वर्ष 2016 के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद एनआइए ने जम्मू कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए वित्तीय स्रोतों का पता लगाने की कार्रवाई शुरू की। एनआइए ने अपनी जांच में पाकिस्तान व अन्य मुल्कों से टेरर फंडिंग की पुष्टि होने के आधार पर मई 2017 में एफआइआर दर्ज कर छानबीन शुरू की।

इस मामले में कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के बड़े दामाद अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंतोश, एयाज अकबर, पीर सैफुल्ला के अलावा मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के करीबी शाहिद उल इस्लाम, जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक, जेकेएलएफ कमांडर फारूक डार उर्फ बिट्टा कराटे, जेकेडीएफपी के चेयरमैन शब्बीर शाह, नेशनल फ्रंट के चेयरमैन नईम अहमद खान, मेहराजुद्दीन कलवाल, जावेद बट, दुख्तरान-ए-मिल्लत की अध्यक्ष आसिया अंद्राबी व उनकी सहयोगी नाहिद सोफी, कामरान यूसुफ और कश्मीर के नामी व्यापारी जहूर वटाली के अलावा मसर्रत आलम को पहले ही एनआइए गिरफ्ता कर चुकी है।

टेरर फंडिंग में एनआइए कश्मीर के कई नामी पत्रकारों और व्यापारियों और दो दर्जन अलगाववादियों व उनके परिजनों से पूछताछ कर चुकी है। कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चेयरमैन मिया क्यूम, हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज और गिलानी के दोनों बेटों व एक नाती से भी पूछताछ हो चुकी है।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि अवामी इत्तेहाद पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर रशीद का नाम जहूर वटाली ने लिया था। जहूर वटाली की लगभग पौने दो करोड़ की संपत्ति को टेरर फंडिंग के सिलसिले में पहले ही जब्त किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इंजीनियर रशीद को भी भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न स्रोतों से जहूर वटाली के जरिए ही पैसा मिल रहा था।

उत्तरी कश्मीर में लंगेट विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव जीतने वाले इंजीनियर रशीद ने कथित तौर पर टेरर फंडिंग के पैसे से ही कथित तौर पर शिमला, श्रीनगर, जम्मू में कई संपत्तियां खरीदी हैं। इसके अलावा उन्होंने विदेश में भी अचल संपत्ति खरीदी है। उनसे पहली बार तीन अक्तूबर 2017 को एनआइए ने पूछताछ की थी। इसके बाद एनआइए ने उनके पूर्व सहयोगी इनाम उन नबी से भी एनआइए ने करीब डेढ़ माह पूर्व पूछताछ की थी।

इंजीनियर रशीद को चार अगस्त 2017 को एनआईए ने पूछताछ के लिए दोबारा दिल्ली अपने मुख्यालय में तलब किया था। इस दौरान एनआइए ने उनके खिलाफ कई आवश्यक सुबूत भी जमा कर लिए और सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उन्हें आज टेरर फंडिंग के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

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