Jammu Kashmir Politics: मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले पूर्व मंत्री योगेश साहनी, राजनीतिक मुद्दों पर की चर्चा
साहनी ने अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में हाल ही में खड़गे की नियुक्ति पर बधाई दी और उनके नेतृत्व का स्वागत भी किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण से संबंधित मामलों पर चर्चा की और अध्यक्ष को स्थानीय मुद्दों और जरूरतों से अवगत कराया।
जम्मू, जागरण संवाददाता। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने गत बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात कर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की।
साहनी ने अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में हाल ही में खड़गे की नियुक्ति पर बधाई दी और उनके नेतृत्व का स्वागत भी किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण से संबंधित मामलों पर चर्चा की और अध्यक्ष को स्थानीय मुद्दों और जरूरतों से अवगत कराया। साहनी ने बाद में बताया कि 'स्थानीय मुद्दों को जानने और समझने के लिए खड़गे जी की पहल से पार्टी को एक बेहतर तंत्र बनाने और जम्मू-कश्मीर में संगठन को मजबूत करने में मदद मिलेगी' और उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने जम्मू-कश्मीर के प्रमुख मुद्दों को उजागर किया।
कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद साहनी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला औरसांसद राज्यसभा सैयद नासिर हुसैन से भी मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण पार्टी मामलों पर चर्चा की। अपने-अपने यूथ कांग्रेस के दिनों से लंबे समय से जुड़े रहे नेताओं ने जम्मू कश्मीर में पार्टी को मजबूत करने और उत्थान की रणनीति पर भी चर्चा की।
साहनी ने इस दौरान राजनीतिक और जन-केंद्रित दोनों मुद्दों को उठाया, जिस पर पार्टी और लोगों की बेहतरी होगी। उन्होंने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक विकास के बारे में ज्वलंत चिंताओं को सुनने में समय और रुचि के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। साहनी ने कहा कि एक निर्वाचित सरकार की अनुपस्थिति के कारण प्रदेश में विभिन्न कमियां हैं। पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे जागरूक हैं और पूरे भारत में और जम्मू-कश्मीर में पार्टी के उत्थान में रुचि रखते हैं, जिसके लिए हम अपना पूरा समर्थन देने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठक फलदायी रही क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को सामने रखने में सक्षम थे ताकि सुधार के क्षेत्रों को पहचाना जा सके।