भ्रष्टाचार में संलिप्त डीसी को आखिरकार 15 साल बाद मिली सजा
शाह लतीफ उन पुराने नौकरशाहों में एक हैं जिन्हें वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व मुफती मोहम्मद सईद ने भ्रष्टाचार मे लिप्त होने की शिकायतों के आधार पर जबरन सेवामुक्त किया था।
जम्मू। उत्तरी कश्मीर में जिला कुपवाड़ा के पूर्व डिप्टी कमिश्नर शाह लतीफ पर पंद्रह साल से चल रहे भ्रष्टाचार के मामले पर आखिरकार कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी। भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने डीसी को भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने पर एक साल की कैद और चार लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद पूर्व नौकरशाह को मौके पर ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें बारामुला जेल भेज दिया है।
राजौरी जिले के बहरोत निवासी शाह लतीफ पर आरोप है कि उन्होंने गाड़ियों की मरम्मत के लिए आए 178702 रुपयों का गबन किया था। गाड़ियों की मरम्मत पर इस राशि का एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया और न ही इसका कोई हिसाब दिया गया। इस राशि को जिला विकास बोर्ड की तत्कानीन वन मुंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्ष 1997 में जारी किया गया था।
डिप्टी कमिश्नर पर आरोप है कि उन्होंने इन पैसों का गबन कर लिया था और इस मामले की शिकायत राज्य प्रशासनिक विभाग ने विजिलेंस से की थी जिसके बाद विजिलेंस ने मामले की जांच शुरू कर दी।
शाह लतीफ राज्य सरकार के उन पुराने नौकरशाहों में एक हैं, जिन्हें वर्ष 2004 के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व मुफती मोहम्मद सईद ने भ्रष्टाचार मे लिप्त होने की शिकायतों के आधार पर जबरन सेवामुक्त किया था। भ्रष्टचार निरोधक अदालत श्रीनगर के विशेष जज आरएन वातल ने आरोपी नौकरशाह को सजा सुनाते हुए कहा कि जनता को संदेश दिया जाना जरूरी है कि भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ अदालतें कठोर हैं।
कोर्ट ने विजिलेंस की ओर से पेश सबूतों को सही पाते हुए आरोपी नौकरशाह को एक वर्ष की कैद के साथ चार लाख रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर आरोपी को छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ सकती है।