Forests Are Cut In Jammu Kashmir: पुलवामा में लॉकडाउन के बीच वन माफिया ने साफ कर दिए जंगल
पुलवामा में लॉकडाउन के बीच वन माफिया ने साफ कर दिए जंगल जिला प्रशासन ने डीएफओ के खिलाफ जांच का आदेश दिया स्थानीय लोगों ने तस्वीरों के साथ डीसी को भेजी थी शिकायत
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 के चलते लॉकडाउन में वन माफिया ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में जंगलों के कई हिस्से साफ कर दिए। पेड़ों की अंधाधुंध अवैध कटाई की गई। वन अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। जंगलों में अवैध कटान और इमारती लकड़ी की तस्करी कितने व्यापक तरीके से हुई, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अब इसे रोकने के लिए ड्रोन तक का इस्तेमाल शुरू करना पड़ा है।
इस बीच, वनों के अवैध कटान का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने डीएफओ के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। पुलवामा जिले के संगरवानी, अंदरवाली, कंडीपथरी, नांबलन, गडर व आसपास के इलाकों में बीते एक माह के दौरान जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई बढ़ी है। बड़े पैमाने पर देवदार व अन्य प्रजातियों के पेड़ों को काटा गया और जंगल में ही उनके शहतीर तैयार कर वादी के विभिन्न हिस्सों में तस्करी की गई।
स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जिला उपायुक्त पुलवामा को भी भेजी। तस्वीरें भी भेजीं। इसके बाद जिला उपायुक्त ने खुद पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बीते दो दिनों में संगरवानी और उसके साथ सटे इलाकों का दौरा किया।ड्रोन भी उड़ाए गएजंगलों में जारी अवैध कटाई का पता लगाने के लिए ड्रोन भी उड़ाए गए। इसके साथ ही वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को पूरे क्षेत्र में वनों की स्थिति और उनके क्षेत्रफल के पूरे आंकड़े जमा करने के लिए कहा गया है।
जगह-जगह कटे हुए पेड़ पड़े पुलवामा जिला उपायुक्त ने देखा कि जंगल में जगह-जगह कटे हुए पेड़ पड़े थे। कई जगह जंगल का एक बड़ा हिस्सा साफ हो चुका था। स्थानीय लोगों और जंगल में रहने वाले गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लोगों ने बताया कि वन माफिया पूरी तरह बेकाबू हैं।
पूरे इलाके में वन विभाग की पड़ताल चौकियां हैं, इसके बावजूद कोई लकड़ी के तस्करों को नहीं पकड़ता। किसी भी जगह जंगल से अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की लकड़ी नहीं पकड़ी गई है। वन अधिकारी भी शिकायत किए जाने के बावजूद जांच के लिए नहीं आते।
प्रदेश प्रशासन को भेजे तस्करी के साक्ष्यजिला उपायुक्त ने संबंधित डीएफओ के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं। साथ ही वनों की मौजूदा स्थिति की वीडियो फुटेज, तस्वीरें व अन्य साक्ष्य प्रदेश प्रशासन को भेजे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर वन माफिया, इमारती लकड़ी के तस्करों और वनों के अवैध कटान में लिप्त वन कर्मियों के खिलाफ अगर जन सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की नौबत आती है, तो तुरंत की जाए।