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चौराहों पर सीसीटीवी बंद-इंटरनेट बंद होने से मोबाइल एेप भी बंद, फिर कैसे शहर में सुरक्षित होंगी महिलाएं?

एसएसपी पीसीआर कुलबीर सिंह का कहना है कि नए सीसीटीवी कैमरे लगाने के पुलिस मुख्यालय ने खरीद कमेटी का गठन किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 03:42 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 03:42 PM (IST)
चौराहों पर सीसीटीवी बंद-इंटरनेट बंद होने से मोबाइल एेप भी बंद, फिर कैसे शहर में सुरक्षित होंगी महिलाएं?
चौराहों पर सीसीटीवी बंद-इंटरनेट बंद होने से मोबाइल एेप भी बंद, फिर कैसे शहर में सुरक्षित होंगी महिलाएं?

जम्मू, दिनेश महाजन। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में महिलाओं पर हिंसा के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, वहीं, महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए जम्मू पुलिस गंभीर नजर नहीं आ रही। आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए शहर के विभिन्न चौराहों में लगाए गए क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरे (सीसीटीवी) वर्षों से बंद हैं। जम्मू पुलिस हालांकि शहरवासियों को अपने घरों, दुकानों व कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित तो कर रही है, लेकिन विभाग स्वयं कैमरे नहीं लगा पा रहा। सुरक्षा को पुख्ता बनाने में सीसीटीवी कैमरे अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं, विपत्ति में फंसी महिला की मदद के लिए जम्मू पुलिस द्वारा महिला हेल्पलाइन 1091 को स्थापित की गई है, लेकिन हेल्पलाइन का प्रचार नहीं होने के चलते महिलाओं को इसकी जानकारी हीं नहीं है। यही कारण है कि इस हेल्पलाइन में फोन को सहायता के लिए नहीं के बराबर ही फोन आते हैं।

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कैमरे की खरीद के लिए पीएचक्यू ने बनाई है खरीद कमेटी

एसएसपी पीसीआर कुलबीर सिंह का कहना है कि नए सीसीटीवी कैमरे लगाने के पुलिस मुख्यालय ने खरीद कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी ने कैमरे खरीदने के लिए टेंडर भी जारी किए थे, लेकिन किन्हीं कारणों से खरीद की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों में 190 सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणा की गई थी। इन कैमरों की खरीद का खर्च केंद्रीय गृह विभाग को उठाना है। इसके योजना के तहत जम्मू जिले में 82, कठुआ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 28, सांबा में 14 कैमरे शामिल हैं।

सीसीटीवी कैमरों में नाइट विजन नहीं

वर्ष 2010 में शहर के कुल 34 चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। इन चौराहों में परेड ग्राउंड, शालामार चौक, बिक्रम चौक, विवेकानंद चौक, रिहाड़ी चौक, विजिलेंस रोटरी, इंदिरा चौक, ज्यूल चौक, डोगरा चौक, विवेकानंद चौक, गुज्जर नगर शामिल हैं। शहर में जो कैमरे लगे भी हैं, उनमें नाइट विजन डिवाइस नहीं लगा है। इससे कम रोशनी में यह कमरे काम नहीं कर पाते हैं। गाड़ियों की रोशनी के आगे भी यह कैमरे दम तोड़ देते हैं। जिस कंपनी से पुलिस विभाग ने कैमरे खरीदे थे, उसकी मरम्मत के बारे में कोई समझौता नहीं हुआ था। यही वजह है कि इन कैमरों की मरम्मत पुलिस विभाग के लिए सिरदर्द बन गई। धीरे-धीरे सभी कैमरे बंद हो गए। अब आलम यह है कि मात्र दो ही कैमरे ही काम कर रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों का संचालन पुराने शहर के परेड स्थित पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) से हो रहा है। पीसीआर में बकायदा एक आधुनिक संचालन केंद्र स्थापित किया गया है। संचालन केंद्र में बैठे पुलिस कर्मी जब कोई संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति को देखते हैं तो उसके बारे में तुरंत वहां तैनात फ्लाइंग स्कवॉड को सूचित कर देते थे।

हेल्पलाइन तो है पर नहीं आते फोन

एसएसपी पीसीआर कुलबीर सिंह का कहना है महिलाओं की सहायता के लिए पीसीआर से लैंड लाइन हेल्पलाइन चलाई जा रही है। जरूरत पड़ने पर कोई भी महिला लैंडलाइन या मोबाइल फोन से 1091 पर फोन कर सकती है। फोन आते ही महिला के नजदीक जो भी पीसीआर वैन होती है, उसे मदद के लिए रवाना किया जाता है। वैन का चालक मौके पर पहुंच कर पीसीआर को स्थिति के बारे में रिपोर्ट करता है। संबंधित पुलिस थाने को भी सूचित कर दिया जाता है। कुलबीर सिंह ने मानना कि महिला हेल्पलाइन पर उन्हें सहायता के लिए कम ही फोन आते हैं।

इंटरनेट बंद होने से मोबाइल ऐप भी नहीं कर रहा काम

वर्ष 2018 पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा की पत्नी ऊषा वोहरा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं की जरूरत के समय सहायता करने के लिए मोबाइल फोन ऐप को लांच किया था। पांच अगस्त के बाद से ही जम्मू कश्मीर में इंटरनेट बंद है, इसलिए महिलाओं की सहायता के लिए शुरू की गई मोबाइल ऐप का कोई औचित्य ही नहीं है। इसलिए जम्मू संभाग में राज्य प्रशासन को जल्द से जल्द मोबाइल इंटरनेट सेवा को सुचारु करना चाहिए।

हेल्प लाइन नंबर

  • पुलिस कंट्रोल रूम 100
  • अग्नि सेवा 101
  • एंबुलेंस सेवा 102
  • चाइल्ड लाइन 1098
  • रेलवे पूछताछ 139
  • रेल दुर्घटना 1072
  • महिला हेल्प लाइन 1091

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