फूलों की खेती ने आसान की जीवन की राह
पति के निधन के बाद घर का खर्च चलाना था मुश्किल, अब दूसरे के लिए बनी मिसाल।
जम्मू, [गुलदेव राज]। जिंदगी के 75 साल पूरे होने पर भी मान कौर स्वयं फूलों की खेती करती हैं। पौधे लगाती हैं और फसल तैयार होने पर फूल चुनती हैं। क्योंकि इस खेती से उनको स्नेह हो गया है। हो भी क्यों नहीं। इसी खेती ने ही तो उनको मुश्किल दौर से निकाला था और जीवन की बिखर रही गाड़ी को पटरी पर लाया और खुशहाली दी। बरसों पहले पति की मृत्यु हो गई थी। तब घर परिवार की जिम्मेदारी पूरी तरह से मान कौर पर आ गई। ऐसे में फूलों की खेती शुरू की और कड़ी मेहनत कर अपने रोजगार की राह बनाई।
पिछले 15 साल से वह 5 से 8 कनाल भूमि पर हाईब्रिड गेंदा के फूलों व देसी गुट्टी (छोटा गेंदा) खेतों में लगा रही हैं और मुनाफा भी कमा रही हैं। इन्हीं फूलों की खेती से पैसे कमाए व दो बेटियों की शादी की। घर परिवार की अन्य जिम्मेदारी को भी बखूबी से निभाया। आरएसपुरा के सीमांत गांव कोरोटाना खुर्द की रहने वाली मान कौर आज अन्य महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। उनके जज्बे को देखते हुए जम्मू क्षेत्र में दर्जनों महिलाएं फूलों की खेती में आगे आई हैं वे मानकौर को ही अपना आदर्श मानती हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी खेती के काम से नहीं थकने वाली मान कौर का कहना है कि काम कोई भी छोटा बड़ा नहीं होता। महज अपने आप पर विश्वास होना बड़ा जरूरी है। अनेक महिलाओं को फूलों की खेती का ज्ञान दिया जा चुका है। क्योंकि वह जानती हैं कि फूलों की खेती महिलाओं की जिंदगी संभाल सकती है। चाहे भूमि का छोटा सा टुकड़ा ही हो, महिला वहां भी मेहनत कर अपना घर चला सकती है और प्रति कनाल 20 से 25 हजार रुपये कमा सकती है।
वैसे मंदिरों के शहर जम्मू में फूलों की अच्छी मांग है। इसलिए यहां पर अच्छी मार्केटिंग है। बस महिलाओं को मेहनत करने के लिए हिम्मत जुटानी होगी। मान कौर का कहना है कि उनके जज्बे को देखकर उनके परिवार के सदस्य सहयोग तो करते हैं। मगर वह स्वयं खेतों में पहुंचती हैं और सारा कामकाज खुद करती हैं। उनका कहना है कि फूलों की खेती से वह आत्मनिर्भर हुई हैं और इस काम को करने वह संतुष्टि भी प्राप्त करती हैं। और लोग भी इस काम में जुटें।
जम्मू कश्मीर फ्लावर ग्रोअर्स एसोसिएशन प्रधान तेजेंद्र सिंह ने कहा जम्मू क्षेत्र में फूलों की खेती के लिए अच्छा वातावरण है। खासकर महिलाएं घर के कामकाज के साथ फूलों की खेती में दिलचस्पी दिखा सकती हैं। जैसे मान कौर ने फूलों की खेती में मिसाल कायम की है, अन्य महिलाओं को भी करनी चाहिए। फ्लोरिकल्चर विभाग को चाहिए कि अधिक से अधिक सहायता महिला किसानों को दों।
डा. संजीव, सहायक फ्लोरिकल्चर आफिसर मानकौर की हिम्मत को वह सलाम करते हैं। उनके काम से दूसरी महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं और यह बड़ी बात है। फूलों की खेती के बारे में विभाग लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है। जम्मू मंदिरों का नगर है और यहां फूलों की अच्छी मांग है। फूलों के जरिए महिलाओं का रोजगार निकाला जा सकता है। जैसे कि मान कौर ने काम किया है, दूसरी महिलाओं को भी करना चाहिए और सरकार इसमें सकारात्मक भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि कट फ्लावर की खेती भी लोगों को कमाई करा सकती है। मगर इसके लिए सरकार को अपनी संजीदगी दिखानी होगी।