Corona Death: डोडा के बुजुर्ग का फ्लोरा दोमाना में नहीं होने दिया अंतिम संस्कार, पौनी चक में किया
जब प्रशासन लोगों को मनाने में विफल हुआ तो शव को चिता पर से उठाकर फिर से एंबुलेंस में मेडिकल कालेज जम्मू शवगृह लाया गया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू में आज एक ओर शर्मसार करने वाली घटना घटी। कोरोना के कारण मरने वाले डोडा के बुजुर्ग के शव को लोगों के विरोध के कारण चिता पर से उठाकर वापस लाना पड़ा। इस दौरान प्रशासन भी लाचार दिखा और घंटों बाद मृतक का संस्कार एक अन्य जगह पर करना पड़ा।
बीते सोमवार को डोडा के रहने वाले 75 वर्षीय एक बुजुर्ग की कोरोना के कारण मौत हो गई थी। उसके शव को मेडिकल कालेज के शवगृह में रखा गया था। घंटों मंथन के बाद प्रशासन ने फैसला लिया कि उसका संस्कार जम्मू के फ्लोरा दोमाना के शमशान घाट में किया जाए। इसके बाद मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे मृतक के दो परिजन और स्वास्थ्य विभाग के दो कर्मचारी पीपीई किट में सभी एहतियात बरतते हुए शव को एंबुलेंस के जरिए शमशान घाट लेकर पहुंचे। अभी उन्होंने शव को वहां पर बनाई चिता पर रखा ही था कि स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी मिल गई और बड़ी संख्या में लोग शमशान घाट में पहुंच गए। लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वहां पर संस्कार न करने के लिए कहा। पुलिस व सिविल प्रशासन के लोग भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन लोग अड़े रहे।
लोगों का कहना था कि वे किसी कीमत पर यहां संस्कार नहीं होने देंगे। जब प्रशासन लोगों को मनाने में विफल हुआ तो शव को चिता पर से उठाकर फिर से एंबुलेंस में मेडिकल कालेज जम्मू शवगृह लाया गया। इसके बाद प्रशासन ने बुजुर्ग का संस्कार पौनी चक्क में करने का फैसला लिया। पुलिस की मौजूदगी में दोपहर करीब एक बजे पौनी चक्क शमशान घाट में संस्कार हुआ। इससे पहले भी जम्मू में कोरोना के कारण मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार में इसी तरह का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है।
जम्मू के प्रीत नगर में रहने वाले एक बुजुर्ग का संस्कार जोगी गेट में किया जाना था। परिजन व स्वास्थ्य विभाग की टीम शमशान घाट पहुंची। चिता पर शव रखा दिया गया परंतु लोगों के विरोध के कारण शव को वहां से वापस ले जाना पड़ा। उसी दिन परिजनों व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुजुर्ग का अंतिम संस्कार शास्त्री नगर शमशान घाट में किया।