कश्मीर के फल उत्पादकों से सीधे सेब खरीदेगा नैफेड, सात लाख किसान होंगे लाभान्वित
NAFED प्रशासन ने किसानों को राष्ट्रविरोधी तत्वों व बिचौलियों से बचाने के लिए उठाया कदम दो हजार करोड़ से 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदेएंगे नैफेड
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर घाटी में राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा जबरन कराए जा रहे बंद से सेब उत्पादकों को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए नैफेड (राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन फेडरेशन) किसानों से बिना किसी बिचौलिए के सीधे सेब खरीदेगा। मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (एमआइएस) के तहत नैफेड 15 दिसंबर 2019 तक खरीद की प्रक्रिया को पूरा करेगा। इससे करीब सात लाख किसान लाभान्वित होंगे।
नैफेड तकरीबन दो हजार करोड़ की लागत से 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदेगा। पांच अगस्त से कश्मीर में कानून व्यवस्था की उपजी स्थिति के मद्देनजर स्थानीय सेब उत्पादक अपनी तैयार फसल को समय रहते देश की विभिन्न मंडियों में नहीं पहुंचा पा रहे हैं। इसके अलावा उनकी फसल का एक हिस्सा बागों में खराब हो रहा है। जो सेब उत्पादक अपना माल किसी तरह मंडियों में पहुंचा रहे हैं या फिर देश के अन्य भागों में निर्यात कर रहे हैं, उन्हें आतंकियों द्वारा धमकाया जा रहा है।
आतंकियों ने सोपोर मंडी बंद कराने के लिए ही गत शुक्रवार की रात को सोपोर में ढाई वर्षीय आसमा जान समेत चार लोगों को गोली मारी थी। किसानों की दिक्कतों का संज्ञान लेते हुए ही राज्य प्रशासन ने नैफेड की मदद लेने का फैसला किया है। नैफेड ने कश्मीर में कुल उत्पादन का आधे से ज्यादा सेब खरीदने का फैसला किया है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि नैफेड वर्ष 2019 के मौजूदा मौसम में तैयार हुई सेब की फसल को राज्य सरकार द्वारा नामित एजेंसियों के माध्यम से खरीदेगी।
मोल समिति तय करेगी क्रय मूल्य :नैफेड कश्मीर के सेब उत्पादकों से ए, बी और सी समेत हर ग्रेड का सेब खरीदेगी। नैफेड वादी के हर जिले सोपोर, शोपियां व श्रीनगर में स्थित फल मंडी में भी सेब खरीदेगा। सेब की गुणवत्ता और ग्रेडिंग के आधार पर ही किसानों को उनकी फसल के दाम मिलेंगे। एक गुणवत्ता और ग्रेडिंग समिति ग्रेडिंग को सुनिश्चित बनाएगी। ग्रेडिंग के आधार पर सेब का क्रय मूल्य मोल समिति तय करेगी। मोल समिति में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की तरफ से भी एक एक सदस्य शामिल रहेगा।
कार्यान्वयन, समन्वय समिति की अध्यक्षता करेंगे मुख्य सचिव :
नैफेड द्वारा एमआइएस के तहत सेब उत्पादकों से उनकी फसल की खरीद की योजना के कार्यान्वयन और संबंधित विभागों में तालमेल बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में कार्यान्वयन व समन्वय समिति होगी। इसके अलावा कृषि मंत्रालय, गृह मामलों व अन्य केंद्रीय एजेंसियां इस योजना के कार्यान्वयन की समग्र निगरानी करेंगी।
किसानों को ट्रांसपोर्ट की दिक्कतों से मिलेगी निजात :
कश्मीर के किसान देश के विभिन्न हिस्सों में अपने माल के निर्यात के दौरान होने वाली मुश्किलों से बचेंगे और उन्हें अपनी फसल खराब होने का डर नहीं होगा। इसके अलावा उन्हें अपनी फसल को देश के विभिन्न भागों में पहुंचाने पर जो खर्च करना पड़ता है, वह भी बचेगा।
सीधे बैंक में आएगा भुगतान :
मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान ने बताया कि यह योजना सिर्फ जम्मू कश्मीर के किसानों के लिए चलाई जा रही है। शुरू में श्रीनगर, सोपोर और शोपियां के सेब उत्पादकों को इसके दायरे में लाया जाएगा। सेब उत्पादकों को मौजूदा समय में मिल रहे दाम से कहीं ज्यादा अच्छे दाम इस योजना के तहत मिलेंगे। इसके अलावा बिचौलियों से बचाने के लिए किसानों को उनके आधार कार्ड के नंबर के मुताबिक बैंकों में उनकी फसल का भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा नेशनल एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग फेडरेशन (एनएपीएमएफ) का भी एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही कश्मीर का दौरा करेगा। उन्होंने जम्मू कश्मीर बागवानी योजना एवं विपणन बोर्ड के अधिकारियों को नैफेड को किसानों से सेब खरीदने के लिए आवश्यक स्थान व अन्य सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया है।
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