Jammu : कटड़ा में जगह-जगह नहीं केवल हायर सेकेंडरी स्कूल की ग्राउंड से ही मिलेंगे पटाखे
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन करते हुए कटड़ा में भी मुख्य पर्व दीपावली पर केवल 2 घंटे के लिए ही लोग पटाखे चला सकते हैं पर अधिक ध्वनि के साथ ही अधिक प्रदूषण वाले पटाखे चलाने की इजाजत नहीं होगी। इसका प्रशासन विशेष ध्यान रखेगा।
कटड़ा, संवाद सहयोगी । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन करते हुए कटड़ा में भी मुख्य पर्व दीपावली पर केवल 2 घंटे के लिए ही लोग पटाखे चला सकते हैं पर अधिक ध्वनि के साथ ही अधिक प्रदूषण वाले पटाखे चलाने की इजाजत नहीं होगी। इसका प्रशासन विशेष ध्यान रखेगा। कस्बे में स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल के ग्राउंड में ही पटाखों के स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई है।
एसडीएम कटड़ा अशोक चौधरी ने कहा बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी कर ली गई है। दूसरी ओर कटड़ा में जगह-जगह पटाखे बेचने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए हायर सेकेंडरी स्कूल की ग्राउंड का चयन किया गया है| जहां से लोग पटाखे आदि खरीद सकते हैं परंतु पटाखे विक्रेता ना तो विदेशी पटाखे बेच सकते हैं और ना ही अधिक प्रदूषित तथा अधिक ध्वनि वाले पटाखे बेच सकते हैं।
दूसरी ओर कोरोना महामारी को लेकर कम से कम प्रदूषण हो इसको लेकर अधिकतर नगर वासियों ने धार्मिक तौर पर ही दीपावली मनाने का मन बना लिया है जिसमें अधिकतर लोग अपने अपने घरों के साथ ही अपने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर दीये जलाएंगे और घर-घर पूजा-अर्चना करेंगे। एक और जहां नगरवासी विभिन्न तरह के दिए दीये खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, तो वही नगर के युवाओं के साथ ही बच्चे आदि कम मात्रा में ही पटाखे आदि खरीद रहे हैं क्योंकि सभी नगरवासी विशेषकर युवा तथा बच्चे यह भली-भांति जानते हैं कि अधिक पटाखे चला चलाने का मतलब प्रदूषण को बढ़ावा देना है इतना ही नहीं कोरोना महामारी को भी निमंत्रण देना है जिससे हर कोई बचना चाहता है। इसके चलते पारंपरिक तौर पर पटाखे आदि खरीदने को लेकर भीड़ देखी जा सकती थी परंतु वर्तमान में इस बार ऐसा नहीं है और नगर के युवा यहां तक कि बच्चे पटाखे आदि खरीदने में कम ही दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
वही दीपावली पर्व को लेकर नगर वासियों ने अपने अपने घरों के साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठानों की साफ-सफाई के साथ ही सजावट का कार्य शुरू कर दिया है तो दूसरी और नगर के सभी प्रमुख मंदिरों की भी सजावट शुरू हो गई है ताकि इस मुख्य पर्व को पूरी तरह से धार्मिक रीति रिवाज के साथ मनाया जा सके।