एक फायर ब्रिगेड पर 20 किमी का जिम्मा, कैसे बुझेगी आग
गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाओं में सबसे ज्यादा तेजी आती है। आग लगने की ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में होती है।
जम्मू, सुरेंद्र सिंह। जम्मू जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अगर कहीं आग लग जाए तो उसे बुझाने के लिए बीस किलोमीटर दूर से फायर ब्रिगेड भेजी जाती है। ज्यादातर मामलों में फायर ब्रिगेड पहुंचने से पहले या तो आग खुद ही बुझ चुकी होती है या फिर काफी तबाही मचा चुकी होती है। आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए जम्मू जिला कितना सशक्त है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के सभी तहसील क्षेत्रों में एक-एक गाड़ी की ही व्यवस्था है। एक-एक फायर ब्रिगेड के हवाले बीस-बीस किलोमीटर का क्षेत्र आता है।
गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाओं में सबसे ज्यादा तेजी आती है। आग लगने की ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में होती है। यहां खड़ी फसलें अक्सर आग की भेंट चढ़ जाती है। खेतों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण वहां झूलते बिजली के तार या कहीं से उड़कर आई चिंगारी बनती है, जो चंद मिनटों में पूरे खेत को अपनी चपेट में ले लेती है। हर वर्ष गर्मी में हजारों कनाल भूमि पर खड़ी फसल आग की भेंट चढ़ जाती है। इस नुकसान को अगर रोकना संभव नहीं है तो इसे इन इलाकों में फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों व फायर स्टेशनों की संख्या बढ़ाकर कम जरूर किया जा सकता है।
शेफर्ड डॉग भी लेगा विभाग
डीजी ने बताया कि फायर विभाग चार बेल्जियम शेफर्ड कुत्ते भी लेने जा रहा है जिन्हें बीएसएफ एकेडमी टेकनपुर में छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। कुत्तों का स्क्वायड तैयार किया जाएगा जो आग लगने में बचाव कार्य में मदद करेंगे। डीजी ने फायर स्टेशन गांधीनगर में कैंटीन का उद्घाटन भी किया।
जिले में फायर स्टेशन और गाडिय़ां
फायर स्टेशन फायर टेंडर
गांधी नगर 12
गंग्याल 4
रूप नगर 2
अरनियां 1
अखनूर 1
बिश्नाह 1
आरएसपुरा 1
कैंनाल 1
101 नंबर पर करें फोन
- आग लगने की घटना होने पर 101 नंबर पर फोन करें। यह फोन नंबर फायर ब्रिगेड का इमरजेंसी नंबर है जो कहीं से भी मिलाया जा सकता है।
- आग लगने की घटना की सूचना मिलते ही जल्द से जल्द हमारे कर्मी मौके पर पहुंच जाते हैं। जिस जगह आग लगी हो, वहां के नजदीकी फायर स्टेशन से गाड़ी को रवाना किया जाता है। इसके बाद बैकअप के लिए भी गाडिय़ां भेजी जाती हैं। गर्मी में फायर टेंडर को विशेष अलर्ट पर रखा जाता है और चौबीस घंटे हमारे जवान तैनात रहते हैं। - जनरल वीके सिंह, डायरेक्टर, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेस