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अलर्ट जारी: सुरक्षाबलों के शिविर पर फिदाइन हमला कर सकते हैं आतंकी, अमरनाथ श्रद्धालु भी हो सकते हैं निशाना Kashmir News

आतंकी सरगना लश्कर जैश ए मुहम्मद या हिज्ब जैसे प्रमुख आतंकी संगठनों के बजाय अल बद्र और अल उमर मुजाहिदीन को हमले के लिए आगे कर सकते हैं। इनका कैडर नया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 11:52 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 11:52 AM (IST)
अलर्ट जारी: सुरक्षाबलों के शिविर पर फिदाइन हमला कर सकते हैं आतंकी, अमरनाथ श्रद्धालु भी हो सकते हैं निशाना Kashmir News
अलर्ट जारी: सुरक्षाबलों के शिविर पर फिदाइन हमला कर सकते हैं आतंकी, अमरनाथ श्रद्धालु भी हो सकते हैं निशाना Kashmir News

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। प्रमुख कमांडरों के मारे जाने से हताश आतंकी अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षाबलों के शिविर या काफिले पर आत्मघाती हमले के अलावा श्रद्धालुओं को भी निशाना बना सकते हैं। खुफिया तंत्र ने सुरक्षाबलों के लिए अलर्ट जारी करने के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी सूचित किया है। जैश और लश्कर इन हमलों को अंजाम देने के लिए अल-बदर, अल उमर मुजाहिदीन, असांर उल गजवात ए हिंद व वलिया ए हिंद अथवा आइएसजेके जैसे संगठनों को इस्तेमाल कर सकते हैं।

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इसी बीच, बुधवार को जम्मू से सटे नगरोटा स्थित सेना की 16वीं कोर मुख्यालय में कोर कमांडर लेफ्टिनेट जनरल परमजीत सिंह के नेतृत्व को सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक में अमरनाथ यात्रा के लिए किए जा रहे सुरक्षा प्रबंधों को अंतिम रूप दिया। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने इस साल अब तक कश्मीर में प्रमुख कमांडरों समेत 120 आतंकियों को ढेर किया है। बौखलाए आतंकी और सीमा पार उनके सरगना किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आतंकी सरगना लश्कर, जैश ए मुहम्मद या हिज्ब जैसे प्रमुख आतंकी संगठनों के बजाय अल बद्र और अल उमर मुजाहिदीन को हमले के लिए आगे कर सकते हैं। इनका कैडर नया है। वह अभी तक पूरी तरह सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर नहीं है। इससे यह सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर यात्रा की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों को निशाना बना सकते हैं।

अमरनाथ यात्रा में 350 अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात

इस खतरे को भांपते हुए सुरक्षा बलों और गृह मंत्रालय ने यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यात्रा में 350 से ज्यादा अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां सुरक्षा में तैनात की जा रही हैं। सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले से सबक लेते हुए स्टैंडर्ड ऑपरेङ्क्षटग सिस्टम (एसओपी) को बदला है। श्रद्धालुओं के काफिले में वाहनों की संख्या को पहले से कम किया जाएगा और उसके साथ बुलेट प्रूफ और एमपीवी गाडिय़ों को शामिल किया जाएगा। पहलगाम और बालटाल दोनों ही तरफ से पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले रास्तों, अनंतनाग-पहलगाम व श्रीनगर-सोनमर्ग पर एंटीसबोटाज टीम की संख्या बढ़ाई है। आरओपी और बम निरोधक दस्तों की संख्या भी पहले की तुलना में बढ़ा गई है। आइईडी को नकारा बनाने में 40 विशेषज्ञ भी यात्रा मार्ग पर तैनात किए जाएंगे।

55 करोड़ की राशि अलग से जारी की

गृहमंत्रालय ने यात्रा की सुरक्षा के लिए 55 करोड़ की राशि अलग से जारी की है। नुनवन और बालटाल में आधार शिविरों पर कमांडो दस्ते तैनात किए हैं। सीआरपीएफ ने बुलेट प्रूफ एंटीमाइन व्हिकल की संख्या इस साल डबल कर दिया है। यात्रा रूट पर सीएसआरवी व्हिकल यानी (क्रिटिकल सिचुएशन रेपोन्स व्हिकल) की तादाद बढ़ाई जाएगी। 

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