कश्मीर आजादी के समर्थन में विवादित बयान देने पर फंसे फारूक, हाईकोर्ट ने तथ्य पेश करने को कहा
एडवोकेट शेख शकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में एसएसपी श्रीनगर व नागीन थाने के एसएचओ को याची की शिकायत पर फारूक के खिलाफ जांच रिपोर्ट पेश करने के कई मौके दिए।
जम्मू, जेएनएन। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर दायर याचिका में हाईकोर्ट ने फारूक के बयान की सीडी और अखबारों में छपे समाचारों की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
याची के अनुसार डॉ. फारूक ने कश्मीर की आजादी के समर्थन में विवादित बयान दिए थे। इसकी शिकायत के बावजूद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की। इस याचिका पर करीब डेढ़ साल से सुनवाई जारी है। जम्मू निवासी सुकेश चंद्र खजूरिया की ओर से दायर केस में कहा गया है कि फारूक ने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 111वीं बरसी पर हजरतबल श्रीनगर के नसीम बाग में आयोजित कार्यक्रम और उसके बाद 24 फरवरी 2017 को नेकां के पूर्व महासचिव शेख नाजिर अहमद की दूसरी बरसी पर पार्टी मुख्यालय में कश्मीर की आजादी के समर्थन में बयानबाजी की थी। याची के वकील एडवोकेट शेख शकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में एसएसपी श्रीनगर व नागीन थाने के एसएचओ को याची की शिकायत पर फारूक के खिलाफ जांच रिपोर्ट पेश करने के कई मौके दिए।
पांच सितंबर 2017 को याची एसएचओ के सामने पेश भी हुए और बयान भी दर्ज करवाया। याची ने वास्तविक शिकायत जिला न्यायाधीश जम्मू के समक्ष दर्ज करवाई, जिन्होंने फारूक के बयान की सीडी व अखबारों में छपे समाचारों की कटिंग के साथ शिकायत श्रीनगर के जज को भेज दी।