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किसानों की तरह राज्य के दर्जे के लिए एकजुट हो कुर्बानियां देने को तैयार हों जम्मू कश्मीर के निवासी : डा. फारूक

फारूक ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में 700 के करीब किसानों की मौत हुई। इन किसानों की कुर्बानियों के कारण ही केंद्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े। अब हमें भी इस तरह से कुर्बानियां देकर अपने हक हासिल करने होंगे।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 09:10 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 09:10 PM (IST)
किसानों की तरह राज्य के दर्जे के लिए एकजुट हो कुर्बानियां देने को तैयार हों जम्मू कश्मीर के निवासी : डा. फारूक
फारूक अब्दुल्ला ने कहा हमारा वायदा है कि 370, 35ए की बहाली के साथ राज्य दर्जा वापस लिया जाएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान व पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली के लिए प्रदेश के निवासियों को किसानों की तरह आंदोलन कर कुर्बानियां देनी होंगी। फारूक ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370, 35ए व राज्य के दर्जे को लेक आंदोलन के लिए तैयार है। फारूक ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने 11 महीने तक आंदोलन किया। इस दौरान 700 के करीब किसानों की मौत हुई। इन किसानों की कुर्बानियों के कारण ही केंद्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े। अब हमें भी इस तरह से कुर्बानियां देकर अपने हक हासिल करने होंगे।

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उन्होंने कहा कि यह हमारा वायदा है कि अनुच्छेद 370, 35ए की बहाली के साथ राज्य के दर्जे को वापस लिया जाएगा। इसके लिए हम कुर्बानियां देंगे। रविवार को श्रीनगर के नसीमबाग में पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के 116वीं जयंती पर युवा इकाई के अधिवेशन में फारूक ने कहा कि राज्य का दर्जा तभी मिलेगा, जब बड़ा आंदोलन होगा। देश के किसानों ने भी इसी तरह से अपने लक्ष्य को हासिल किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती है।

वहीं हैदरपोरा मुठभेड़ का हवाला देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कि लोगों द्वारा एकजुट दिखाने के बाद बेगुनाह लोगों के शव वापस मिले। लोगों के आंदोलन के कारण प्रशासन को उनके शवों को लौटाना पड़ा। यह उनकी एकजुटता का नतीजा है। फारूक ने कहा कि अभी भी एक व्यक्ति का शव परिवार को सौंपा नहीं गया है। इस तरह से कितने बेगुनाह लोग और भी मरे होंगे। इसके लिए जिम्मेवार लोगों को जवाबदेह बनाया जाएगा। उन्हें ऊपर वाले को भी हिसाब देना होगा। उससे कोई नहीं बच सकता।

जम्मू कश्मीर में सिर्फ पर्यटन ही सब कुछ नहीं : गृहमंत्री अमित शाह के 370 हटाने के बाद प्रदेश में पर्यटन में वृद्धि संबंधी बयान पर फारूक ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ पर्यटन ही सब कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी को दूर करने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को 50 हजार नौकरियां देने का जो वादा किया गया था, उसका क्या हुआ। ये नौकरियां कहां हैं? फारूक ने कहा कि जम्मू कश्मीर में नौकरियां देने के बजाय नौकरियां करने वालों को निकाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों को नजरअंदाज कर जम्मू कश्मीर बैंक में पंजाब, हरियाणा के लोग भर्ती किए जा रहे हैंं। ऐसा होता रहा तो हमारे लड़के, लड़कियां कहां जाएंगे।

प्रशासन के काम करने के तरीके पर उठाया सवाल : वहीं प्रशासन के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को धमकाया जा रहा है। ऐसे शासन का क्या फायदा, यहां कोई आजादी न हो। फारूक अब्दुल्ला ने नेकां कार्यकर्ताओं से कहा कि वे एकजुट होकर पार्टी के ध्वज को बुलंद रखें। कई नेताओं, कार्यकर्ताओं के अन्य दलाें में शामिल होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से दुश्मन आप को अलग करने के लिए सामने आएंगे। आपको उनकी साजिशों को नाकाम कर एकजुट रहना है।


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