युद्ध किसी मसले का हल नहीं, भारत-पाक को तनाव से बचना चाहिए: फारूक अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने दोनों देशों से आग्रह किया कि कम से कम वे लोगों की बेहतरी को ध्यान में रखें। विशेषकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए हिंसा से दूर रहें।
जम्मू, जेएनएन। इतिहास इस बात का गवाह है कि युद्ध किसी मसले का हल नहीं हैं। इससे दोनों देशों में दूरियां बढ़ी ही हैं। यही वजह है कि लंबित मुद्दों को सुलझाने में भी काफी समय लग रहा है। बेहतर तो यह होगा कि दाेनों देश युद्ध का रास्ता छोड़ बेहतर संबंध कायम करें ताकि दोनों को इसका फायदा हो। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने मानवता की बेहतरी के लिए दोनों देशों को संयम बनाए रखने के लिए कहा।
अब्दुल्ला ने दोनों देशों से आग्रह किया कि कम से कम वे लोगों की बेहतरी को ध्यान में रखें। विशेषकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए हिंसा से दूर रहें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) या अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के दोनों किनारों पर रहने वाले जम्मू और कश्मीर के लोग को ही दोनों देशों के बीच झड़पों का खामियाजा भुगतना पड़ता है। युद्ध को इतिहास के पन्नो में ही दफन रहने दें। इसे हमारे एजेंडे में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए। मुझे दोनों देशों को यह याद करना होगा कि युद्ध का कोई अंत नहीं है। इसका प्रभाव भारत-पाकिस्तान के विकास, आर्थिक प्रगति पर पड़ेगा। दोनों देश इतना पिछड़ जाएंगे कि पुन: मौजूदा मुकाम हासिल करने के लिए दशकों लग जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कहने को युद्ध छोटा सा शब्द है परंतु इसके परिणाम बहुत बड़े और गंभीर हैं। यह विनाश लाता है। कोई भी शांत दिमाग युद्ध नहीं चाहता है। मैं दोनों देशों के शांति प्रिय लोगों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और स्थिति को बिगड़ने से रोकें। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि शांति की चाह रखने वालों की संख्या अधिक है।