कारगिल युद्ध में भी एलओसी की गरिमा बनी रही : फारूक
राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने तत्क
राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) की गरिमा बनाए रखी और उसका उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने रणनीतिक तरीके से अहम 1965 में जीते हुए हाजी पीर को वापस कर देने का उल्लेख करते हुए कहा कि नेकां ने कभी इसकी वकालत नहीं की, लेकिन भारत ऐसे फैसला लेता रहा है।
शेर -ए-कश्मीर भवन में महिला कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में फारूक ने एक तरफ महिला कार्यकर्ताओं से पंचायत चुनाव के लिए कमर कसने को कहा तो दूसरी तरफ दोहराया कि जम्मू-कश्मीर हमेशा ही भारत का अंग रहेगा और सीमा पार गुलाम कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं बन सकता। जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के साथ न्याय नहीं हो रहा है। वृद्धावस्था व विधवाओं को पेंशन नहीं मिल रही है। पेंशन के 25 हजार से अधिक मामले लंबित पड़े हुए है। आवश्यक वस्तुओं के दाम में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। एलपीजी महंगी हो गई है। नौकरियों में भेदभाव हो रहा है और योग्य उम्मीदवारों को नौकरियां नहीं मिल रही है।
पंचायतों में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण हासिल है। पंचायतों के जरिए महिलाएं सशक्तहो सकती हैं। समाज को दिशा देने में महिलाओं की भूमिका अहम है। महिलाओं के सशक्त होने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। फारूक ने कहा कि उन लोगों से सचेत रहने की जरूरत है जो अविश्वास पैदा कर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के प्रयास में रहते है। धर्म को कोई खतरा नहीं है, लेकिन निहित स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह किया जाता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे आपसी भाईचारा को बढ़ावा दें।
पार्टी के महासचिव अली मुहम्मद सागर, नेकां के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा, पूर्व विधायक बिमला लुथरा ने भी संबोधित किया।