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श्रद्धालुओं पर हमले के लिए फारूक अब्दुल्ला ने मांगी माफी

अमरनाथ यात्रा पर आए श्रद्घालुओं पर हुए हमले पर जम्मू में बंद के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा इस निंदनीय कृत्य के खिलाफ कश्मीर में भी बंद का एलान होना चाहिए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 12 Jul 2017 03:38 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jul 2017 05:05 PM (IST)
श्रद्धालुओं पर हमले के लिए फारूक अब्दुल्ला ने मांगी माफी
श्रद्धालुओं पर हमले के लिए फारूक अब्दुल्ला ने मांगी माफी

 श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को देशवासियों से अनंतनाग हमले के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि इस निंदनीय कृत्य को अंजाम देने वाला मुसलमान नहीं हो सकता।

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इस्लाम को मानने वाला कभी आतंकी नहीं हो सकता।नसीम बाग में अपने दिवंगत मां बेगम अकबर जहां, जिन्हें मादरे मेहरबां भी कहा जाता है, की 17वीं बरसी पर आयोजित श्रद्घांजलि समारोह के बाद फारूक ने कहा कि अनंतनाग में आतंकी हमला सिर्फ श्री अमरनाथ तीर्थयात्रा पर आए श्रद्घालुओं पर हमला नहीं है। यह कश्मीर की आत्मा पर हमला है। इस निंदनीय कृत्य और इसे अंजाम देने वालों की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।

सरकार तमाम दावों के बावजूद श्रद्घालुओं की सुरक्षा में नाकाम रही है। कश्मीरी अवाम ने हमेशा इस तीर्थयात्रा में सहयोग किया है और वह चाहते हैं कि श्रद्घालु बेखौफ होकर यहां आएं।फारूक ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस हमले के बावजूद श्रद्घालु बिना किसी डर के बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए आएंगे,क्योंकि हमारे यहां कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है। कश्मीर में सभी मजहबों का आदर किया जाता है। यहां मजहबी भाईचारा और मजहबी आजादी की रिवायत है।पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मौके पर हिंदुस्तान के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमें फिरकापरस्त ताकतों को नाकाम बनाना है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह फिरकापरस्ती एक दिन हम सभी को जला देगी।

उन्होंने बाबा अमरनाथ यात्रा पर आए श्रद्घालुओं पर हुए हमले पर जम्मू में बंद के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा इस निंदनीय कृत्य के खिलाफ कश्मीर में भी बंद का एलान होना चाहिए। आतंकी हिंसा को इस्लाम के साथ जोड़े जाने पर एतराज जताते हुए डॉ. फारूक ने कहा कि श्री अमरनाथ के श्रद्घालुओं पर हमला करने वाले कभी भी इस्लाम को मानने वाले नहीं हो सकते।

इस्लाम को मानने वाला कभी आतंकी नहीं हो सकता और न वह किसी दूसरे मजहब के मानने वाले का कत्ल कर सकता है। आतंकवाद को किसी धर्म विशेष के साथ नहीं जोड़ा जा सकता। अनंतनाग हमला इस्लाम और कश्मीर को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है। हमें ऐसे तत्वों से सावधान रहना है।

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