Jammu : दशकों से सरकारी भूमि पर खेती कर रहे किसानों को मिले मालिकाना हक: शिवसेना
किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली सरकार के वायदे आज जुमले साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज अधिकांश किसान ऐसे हैं जिनके पास अपने नाम की जमीन नहीं है। सरकारी जमीन पर काबिज किसानों की गिरदावरी पहले ही राजस्व विभाग ने खारिज कर दी थी।
जागरण संवाददाता, जम्मू : सरकारी भूमि पर दशकों से खेती कर रहे किसानों को जमीन का मालिकाना हक देने की मांग पर बुधवार को शिवसेना ठाकरे के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि कई किसान ऐसे हैं, जो सरकारी जमीन पर लंबे अरसे से काश्त कर रहे हैं। ऐसे में इन लोगों को जमीन का हक दिया जाना चाहिए।
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कहा कि दशकों से खेती करने वाला किसान ही उस भूमि का असल मालिक है। भूमिहीन किसानों की रोजी-रोटी को सुनिश्चित किया जाना चाहिए और जमीन का मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष मनीश साहनी के नेतृत्व में शिव सैनिकों ने प्रदर्शन किया। साहनी ने कहा कि किसानों के हक के इस मुद्दे को पार्टी बढ़चढ़ कर उठाएगी।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली सरकार के वायदे आज जुमले साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज अधिकांश किसान ऐसे हैं जिनके पास अपने नाम की जमीन नहीं है। सरकारी जमीन पर काबिज किसानों की गिरदावरी पहले ही राजस्व विभाग ने खारिज कर दी थी। अब अगर इस जमीन से इन किसानों को पूरी तरह से बेदखल कर दिया तो एक नई समस्या पैदा हो जाएगी।
जमीन का मालिकाना हक देने के लिए ही पूर्व सरकारों ने रोशनी एक्ट लागू किया था। लेकिन इस एक्ट की आड़ में राजनेताओं व नौकरशाह लोगों ने अपने घर भरे, किसान वहीं का वहीं रह गया। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कहा कि किसान के साथ इंसाफ कहां हुआ।
प्रदर्शन में अध्यक्ष महिला ¨वग मिनाक्षी छिब्बर, महासचिव विकास बख्शी, चेयरमैन राकेश गुप्ता, उपाध्यक्ष संजीव कोहली, बलवंत ¨सह, संदीप भगत, अध्यक्ष युवा ¨वग बिन्नी महाजन, अध्यक्ष कामगर ¨वग राज¨सह आदि शामिल रहे।