Jammu: आपस में चंदा जुटाकर क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत में जुटे किसान
रंगूर पंचायत के किसानों ने बुधवार को सुबह फावड़ा बेलचा लेकर तटबंध के टूटे हिस्से की मरम्मत करने के लिए पहुंच गए। इसके लिए उन्होंने आपस में जिम्मेदारी बांटकर काम करना शुरू किया। वहां मौजूद किसानों की टोली सुरक्षा दीवार बना रही थी।
भूषण कुमार, रामगढ़ : सांबा जिले में बसंतर नदी की बाढ़ हर साल इसके किनारे स्थित किसानों की उपजाऊ भूमि निगल जाती है। अब तक हजारों कनाल भूमि नदी की बाढ़ की चपेट में आ चुकी है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बल्लड़ गेट का कच्चा तटबंध बसंतर नदी की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया। ऐसे में सरकार की बेरुखी से नाराज किसान अब इस नदी की बाढ़ का रुख मोड़ने के लिए खुद मैदान में आ गए हैं।
रंगूर पंचायत के किसानों ने बुधवार को सुबह फावड़ा, बेलचा लेकर तटबंध के टूटे हिस्से की मरम्मत करने के लिए पहुंच गए। इसके लिए उन्होंने आपस में जिम्मेदारी बांटकर काम करना शुरू किया। दिनभर बड़े-बड़े पत्थर उठाकर कच्चे बांध के क्षतिग्रस्त हिस्से तक पहुंचाए जाते रहे, जिससे वहां मौजूद किसानों की टोली सुरक्षा दीवार बना रही थी। रेत के बैग और पत्थरों के क्रेट से वे इस तटबंध को मजबूर बना रहे थे, ताकि भविष्य में यदि नदी में बाढ़ आए तो वह इसे नहीं तोड़ पाए।
क्षेत्र के सरपंच कालीदास की देखरेख में राज कुमार, राम प्रसाद, बंटी चौधरी, जानू चौधरी, भजनलाल, सतपाल, बबलू, अंकित सिंह, अश्विनी कुमार, हरभजन सिंह, पूरनचंद, अंग्रेज सिंह, हनी सिंह, सुभाष आदि किसान दिनभर इस काम में जुटे रहे। आपस में चंदा जुटाकर वे जेसीबी और ट्रैक्टर भी लाए हैं, ताकि अगली बारिश से पहले वे बांध की मरम्मत का काम पूरा कर लें।
सरकार जब तक जागेगी, तब तक बसंतर निगल जाएगी सैकड़ों कनाल कृषि भूमि : शनिवार और सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद बसंतर नदी में आए उफान ने अग्रिम सीमांत क्षेत्र नर्सरी, कमोर, कमोर फारवर्ड, तनवर, बल्लड़, एसपी-टू, मालूचक, रंगूर आदि में जमकर तवाही मचाई थी। इससे सैकडों किसानों के खेत व बीजी गई धान की फसल बर्बाद हो गई। नदी के उफान ने तटबंध को कई जगहों पर नुकसान पहुंचा है। सरपंच कालीदास ने कहा कि सरकारी स्तर पर नदी के टूटे तटबंध का काम जब तक शुरू होगा, तब तक पता किसानों की सैकड़ों कनाल भूमि बसंतर निगल जाएगी। इसलिए पंचायत के युवाओं व किसानों ने मिलकर इस काम को अंजाम देने की योजना बनाई है।