Jammu Farmers: किसानों को फसल काटने के लिए नहीं मिल रहे हैं मजदूर, जानिए क्या है इसकी वजह
हालांकि घाटी में बने हालातों से पहले जो कुछ मजदूरों की टोलियां सब सेक्टर रामगढ़ पहुंची थी उन्होंने फसल समेटने के काम को शुरू कर दिया है। लेकिन अभी भी ऐसे कई किसान हैं जिनकी फसल काटने के लिए उनको मजदूर नहीं मिल रहे।
रामगढ़, संवाद सहयोगी। सब सेक्टर रामगढ़ में धान की फसल काटने के लिए किसानों को मजदूरों की कमी सबसे बड़ी परेशानी बन रही है। हाल ही में कश्मीर में मजदूरों की आतंकियों द्वारा की गई हत्याओं के मामलों ने पड़ोसी राज्य से जम्मू आने वाले मजदूरों के कदम रोकने का काम किया है।
हालांकि घाटी में बने हालातों से पहले जो कुछ मजदूरों की टोलियां सब सेक्टर रामगढ़ पहुंची थी, उन्होंने फसल समेटने के काम को शुरू कर दिया है। लेकिन अभी भी ऐसे कई किसान हैं जिनकी फसल काटने के लिए उनको मजदूर नहीं मिल रहे। बीते शनिवार के दिन हुई भारी ओलावृष्टि, बारिश व तुफान ने आधे सीमांत क्षेेत्र में तबाही मचाने का काम कर दिया। लेकिन अभी आधा सीमांत क्षेत्र मौसम की इस मार से काफी हद तक सुरक्षित माना जा रहा है। जिन पंचायत हल्कों में मौसम की मार का धान की फसल पर अधिक असर नहीं पड़ा है, उन क्षेत्रों के किसान अपनी पकी हुई धान को जल्द समेटने की तैयारी में हैं। लेकिन मजदूरों की कमी के कारण किसानों के इन प्रयासों को कामयाबी नहीं मिल पा रही।
सब सेक्टर रामगढ़ के पंचायत हल्का केसो के सरपंच कुलदीप वर्मा, पंचायत रंगूर के सरपंच काली दास, पूर्व सरपंच प्रेम पाल चौधरी, सरपंच विजय कुमार बावा, सरपंच जसबीर सिंह कौलपुर सहित अन्य ने कहा कि मौसम की मार से आधा सीमांत क्षेत्र भले ही बर्बाद हो गया। लेकिन अभी आधे सीमांत क्षेत्र में पकी हुई धान मौसम की मार से बची हुई है। ऐसे में हर किसान को अपनी फसल जल्द समेटने की होड़ मची हुई है ताकि उसकी पैदावार सुरक्षित घरों तक पहुंच सके। लेकिन जहां प्रवासी मजदूरों की कमी के कारण धान कटाई का काम काफी पिछड़ रहा है।
पंचायतों के प्रतिनिधियाें ने सरकार व प्रशासन से इस परेशानी के शीर्घ अंत व प्रवासी मजदूरों को जम्मू बुलाने के लिए अपने स्तर परकदम उठाने की अपील की है। वहीं जिस तरह से मौसम के मिजाज बन रहे हैं, उससे इन सुरक्षित क्षेत्रों की फसल भी मौसम की मार से खराब होने का खतरा बरकरार है।