किसानों से बिना मिले लौटे अधिकारी, गुस्सा फूटा
संवाद सहयोगी बिश्नाह बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का जायजा लेने बुधवार को बिश्न
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का जायजा लेने बुधवार को बिश्नाह पहुंचे जिला उपायुक्त जम्मू अंशुल गर्ग अरनिया कस्बे के किसानों से बिना मिले ही वापस जम्मू लौट गए। इस पर सुबह से अधिकारी का इंतजार कर रहे किसानों का गुस्सा फूटा पड़ा और वो सड़क पर उतर आए। किसानों ने टायर जलाकर जिला उपायुक्त जम्मू के खिलाफ प्रदर्शन किया व नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी भी अब भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी किसानों से बातचीत ही नहीं करेंगे तो वो बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का आकलन कैसे करेंगे। किसानों ने जिला उपायुक्त जम्मू से अरनिया क्षेत्र का जल्द दौरा कर क्षेत्र में बर्बाद हुई फसलों का आकलन करने की मांग की है, ताकि किसानों को समय पर उचित मुआवजा मिल सके।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे सोनू पंडित व कमलजीत सिंह सैनी ने कहा कि अरनिया में लोग सुबह से ही जिला उपायुक्त जम्मू का इंतजार कर रहे थे कि वह अपने खराब फसल के बारे में उनसे बातचीत करेंगे, लेकिन वह उनसे मिले बिना ही चले गए। अगर किसानों से बात ही नहीं करनी थी तो फिर इस हवाई सर्वे जैसा सर्वे करने की क्या जरूरत थी? किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अरनिया क्षेत्र के किसानों को गुमराह किया गया। इससे अंशुल गर्ग व तहसीलदार अरनिया के खिलाफ किसानों में रोष है। सोनू पंडित ने कहा कि किसानों को सहायता की जरूरत है, लेकिन यहां पर चंद लोग अपनी रोटियां सेक रहे हैं और जमीनी सच्चाई जो है, वह जिला उपायुक्त जम्मू तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं। प्रदर्शन में अरनिया कस्बे के काफी संख्या में किसान शामिल रहे।
छह हजार रुपये की दर से बर्बाद फसल का मांगा मुआवजा
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : जम्मू कश्मीर किसान तहरीक संगठन ने सरकार से ओलावृष्टि से बर्बाद हुई धान की फसल के लिए किसानों को 6000 रुपये प्रति कनाल की दर से मुआवजा देने की मांग की है। संगठन ने इससे संबंधित ज्ञापन बुधवार को मीरां साहिब के नायब तहसीलदार को सौंपा।
बुधवार को मीरां साहिब कस्बे के शहीद भगत सिंह पार्क में हुई बैठक में संगठन के प्रधान कामरेड किशोर शर्मा ने कहा कि शनिवार को क्षेत्र के सभी गांवों में ओलावृष्टि से किसानों की धान की पूरी फसल बर्बाद हो गई थी। जम्मू जिले की कमोवेश हर तहसील में ओलावृष्टि ने इसी तरह कहर ढाया है। इसलिए सरकार को किसानों को प्रति कनाल छह हजार रुपये की दर से मुआवजा देना होगा। यदि सरकार ने वर्ष 2019 की तरह प्रति कनाल महज 675 रुपये ही मुआवजा दिया तो किसान तहरीक संगठन इसको लेकर आंदोलन शुरू करेगा। बैठक में शामिल किसानों का कहना था कि दो साल पहले जब प्राकृतिक आपदा ने उनकी धान की फसल को बर्बाद किया था तो सरकार ने एक तो मुआवजा कम दिया और वह भी सभी किसानों को नहीं मिला। इस बार जो आपदा आई है, उसने किसानों की रीढ़ तोड़ दी है। इसलिए वह गुस्से में है। यदि सरकार ने 675 रुपये मुआवजा देकर उसका अपमान किया तो वह इस बार चुप नहीं बैठेगा।