खेतों में सिंचाई के लिए पानी की जरूरत पर नहरों में पानी नहीं
यदि सिंचाई विभाग नहरों एवं माइनरों में पानी नहीं छोड़ता है तो किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाएगी।
आरएसपुरा, संवाद सहयोगी। किसान की गेहूं व चारे की फसलें सूख रही हैं। किसानों को गेहूं व चारे की फसलों की सिंचाई के लिए पानी की सख्त जरुरत है पर नहरों में पानी नहीं है। इस समय नहरों से पानी गायब है। पानी की जगह नहरों में धूल उड़ रही है। किसान बेहाल हैं। सीमांत किसान लगातार सिचांई विभाग कार्यालय के चक्कर काट कर विभागीय लोगों से नहरों में पानी छोड़ने की मांग कर रहे है। यदि सिंचाई विभाग नहरों एवं माइनरों में पानी नहीं छोड़ता है तो किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाएगी।
सीमांत किसान का कहना है की इस समय उन्होंने गेहूं के साथ पशुओं के लिए हरे चारे की खेती की हुई है। ऐसे में पानी की नितांत आवश्यकता है, पानी ही नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र के किसानों ने नहरों में पानी छोड़ने की मांग की है। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल के लिए पानी की सख्त जरूरत है। लेकिन नहरों में पानी न छोड़े जाने से उनकी फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई हैं। क्षेत्र के किसान सुरजीत सिहं, प्रेम पाल, सुनील कुमार का कहना है कि नहर में पानी न छोड़े जाने से उनके गाढ़ी मेहनत उनकी आंखों के सामने बर्बाद हो रही है। किसानों का कहना है कि इस समय हर लिहाज से उनको नहरी पानी कि अवश्यकत है। बारिश भी नहीं हो रही है। ऐसे में अगर पानी नहीं मिलता है तो गेहूं के साथ जानवरों के चारे की फसल भी सूख जाएगी।
किसानों ने राज्यपाल से मांग की वो इस ओर ध्यान दे और किसानों की समस्या को देखते हुए नहरों में पानी पहुंचने की मांग की। वही इस सबंध सिचांई विभाग अधिकारी ब्राहम ज्योति का कहना है कि विभाग ने नहरों में पानी छोउ़ रखा है लेकिन पानी का स्तर कम होने के कारण पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि इसका कारण चिनाब दरिया में पानी का स्तर कम होना है। उन्होंने बताया कि विभाग का पूरा प्रयास है कि किसानों तक पानी पहुंचाया जाए।