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Jammu : कांस्टेबल अजय धर की संदिग्ध मौत को हत्या बता रहा परिवार, जांच की मांग

हंदवाड़ा इलाके में स्थित एक मंदिर में साथी पुलिस की गोली से मारे गए अजय धर के परिवार वालों ने उसकी नियोजित तरीके से हत्या किए जाने का आरोप लगाया है। अजय के करीबी रिश्तेदार सुनील धर का कहना है कि अजय की मौत हादसा नहीं है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:19 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:19 PM (IST)
Jammu : कांस्टेबल अजय धर की संदिग्ध मौत को हत्या बता रहा परिवार, जांच की मांग
अजय धर के शरीर पर जिस प्रकार से चोट के निशान है उससे साफ होता है कि उसकी हत्या हुई

जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में स्थित एक मंदिर में साथी पुलिस की गोली से मारे गए अजय धर के परिवार वालों ने उसकी नियोजित तरीके से हत्या किए जाने का आरोप लगाया है। अजय के करीबी रिश्तेदार सुनील धर का कहना है कि अजय की मौत हादसा नहीं है। यह सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। इस मामले में निष्पक्ष जांच करने की जरूरत है। पुलिस अधिकारियों ने इस बिना जांच ही अपने अजय पर गोली चलाने वालों को क्लीन चिट दे दी। उसके शरीर पर जिस प्रकार से चोट के निशान है उससे साफ होता है कि उसकी हत्या की गई है।

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परिवार का कहना है कि मंगलवार रात दस बजे अजय अपनी ड्यूटी पूरी कर कमरे में आ गया था। उसे किसी ने फोन कर फिर से मंदिर में बुलाया गया था। यह जांच का विषय है। अजय का मोबाइल फोन और पहचान पत्र उसकी हत्या के बाद से ही गायब है। जिस किसी ने भी अजय पर गोली चलाई है, परिवार को बताया जाए कि उसके साथ क्या हुआ है। क्या उसे छोड़ दिया गया है। अजय के मोबाइल फोन की काल डिटेल की जांच होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि कुपवाड़ा अस्पताल में डाक्टरों ने भी उसकी मौत को संदिग्ध बताया है। अजय की मौत के बारे में उसके परिवार को अंधेरे में रखा गया।

परिवार को बताया गया कि शव वीरवार की सुबह उसके घर नगरोटा, जगटी में लाया जाएगा, लेकिन बुधवार रात को ही शव को अंधेरे में घर पर लाया गया। उन्हें लगा कि अजय की हत्या का विरोध करने कोई आएगा, लेकिन पूरा कश्मीर समाज साथ खड़ा है। परिवार को न्याय दिलवाने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। परिवार ने कहा कि अजय का मोबाइल फोन खोजा जाए और उसकी काॅल डिटेल को भी खंगाला जाए। बता दें कि अजय धर अपनी माता और बहन के साथ नगरोटा के जगटी में कश्मीरी विस्थापितों के लिए बनाएं गए क्वार्टर में रहता था। वीरवार को अजय का नगरोटा में अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।


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