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Jammu Kashmir: घटिया दवाई के सेवन से मरे 12 बच्चों के परिजनों को मिलेंगे तीन-तीन लाख रुपये

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि प्रशासनिक परिषद द्वारा मंजूरी देने के बाद अब 36 लाख रुपये जारी किए जाएं। स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट ड्रग कंट्रोल विभाग को बच्चों की मृत्यु के मामले में मुआवजे की राशि जारी करने का आदेश दिया है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 05:50 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 05:50 PM (IST)
Jammu Kashmir: घटिया दवाई के सेवन से मरे 12 बच्चों के परिजनों को मिलेंगे तीन-तीन लाख रुपये
पहले प्रशासन ने पीड़ित बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने के आदेश को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने ऊधमपुर जिले के रामनगर में घटिया दवाइयों के कारण 12 बच्चों की मौत के मामले में परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये देने को मंजूरी दे दी। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक भरद्वाज ने बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने के निर्देश दिए। समाज सेवक सुकेश खजूरिया ने इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी और मानवाधिकार आयोग से कई बार निर्देश दिलवाए। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय में एक एसएलपी लंबित पड़ी हुई है।

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स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि प्रशासनिक परिषद द्वारा मंजूरी देने के बाद अब 36 लाख रुपये जारी किए जाएं। स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट ड्रग कंट्रोल विभाग को बच्चों की मृत्यु के मामले में मुआवजे की राशि जारी करने का आदेश दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजूरिया द्वारा दायर याचिका पर राष्ट्रीय मनवाधिकार आयोग ने 17 जनवरी 2021 और 19 जुलाई 21 के आदेशों के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन को मुआवजे का भुगतान करने के लिए विवश होना पड़ा। पहले प्रशासन ने पीड़ित बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने के आदेश को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

खजूरिया ने पीड़ितों को उचित मुआवजा देने और मामले में राज्य के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एनएचआरसी से संपर्क किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि यह राज्य के अधिकारियों का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे न केवल नागरिकों के जीवन की रक्षा करें बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि हानिकारक नकली दवाओं की बिक्री न हो।इस आदेश के बाद अब खजूरिया ने कहा कि यह मामला न्यायिक सक्रियता के इतिहास में एक मील का पत्थर है जहां राज्य को नकली दवाओं की बिक्री की जांच में राज्य दवा अधिकारियों की पूरी तरह से उपेक्षा और कथित मिलीभगत के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। मुझे नौकरशाहों और राजनेताओं के रवैये पर खेद है, जिन्होंने निर्दोष पीड़ितों को न्याय देने का विरोध किया और यहां तक कि एनएचआरसी के आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय भी गए। मुआवजे की राशि जारी करने से सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर सरकार की एसएलपी के नतीजे पर निर्भर करता है, लेकिन मुझे विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय शिशु पीड़ितों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के अनुसार पूर्ण न्याय भी प्रदान करेगा।

इन बच्चों की हुई थी मौत

1. ज्हानवी पुत्री अनिल कुमार निवासी गुंदियां, रामनगर

2. सुरभि शर्मा पुत्री गाेविंद राम निवासी मारता, रामनगर

3. अनिरूद पुत्र अशोक कुमार, निवासी धरवान, रामनगर

4. श्रेयांश पुत्र मदन लाल निवासी केला, रामनगर

5. कनिष्क डोगरा पुत्र सुशील कुमार निवासी थपलाल, रामनगर

6. लक्ष्मी पुत्र राजकुमार निवासी धीरन, रामनगर

7. पंखु जीवन पुत्र रोमेश कुमार निवासी मारता, रामनगर

8. अक्षु पुत्र संजू निवासी सुनेतर, रामनगर

9. अमित पुत्र रत्तन चंद निवासी कोगडमढ़ , रामनगर

10. निगरू पुत्र कुलदीप निवासी बरयालता, रामनगर

11. जानू कुमार पुत्र ठाकुर दास, दिहाड़ी, रामनगर


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