चमलियाल में नहीं लगेगा मेला, सिर्फ चादर चढ़ाने की निभाई जाएगी परंपरा
कोरोना महामारी के कारण बाबा चमलियाल की मजार छन्नी फतवाल में इस बार मेले का आयोजन नहीं होगा लेकिन मेले के आयोजन की तय तिथि के अनुसार मजार प्रबंधन की ओर से श्रद्धा की चादर चढ़ाने की रस्मों को निभाया जाएगा।
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : कोरोना महामारी के कारण बाबा चमलियाल की मजार छन्नी फतवाल में इस बार मेले का आयोजन नहीं होगा, लेकिन मेले के आयोजन की तय तिथि के अनुसार मजार प्रबंधन की ओर से श्रद्धा की चादर चढ़ाने की रस्मों को निभाया जाएगा। हर साल चमलियाल मेले के दौरान मजार प्रबंधक कमेटी तथा सीमा सुरक्षा बल की ओर से बाबा की मजार पर श्रद्धा की चादर चढ़ाने की रस्में निभाई जाती रही हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण चमलियाल मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा है। इस साल भी कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन सांबा ने चमलियाल मेला स्थगित करने का फैसला लिया था। मेले के स्थगित होने से श्रद्धालु मायूस है। बाबा के श्रद्धालु सुनील कुमार, साहिल कुमार, सन्नी शर्मा, भारत भूषण, सुरेश कुमार, अनिल गुप्ता अन्य ने कहा कि बाबा चमलियाल वार्षिक मेला आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बाबा चमलियाल कोरोना महामारी को खत्म करे, ताकि श्रद्धालु मेले की खुशियां साझा कर सकें। वहीं, मजार प्रबंधक प्रधान बिल्लू चौधरी के अनुसार, प्रशासनिक आदेशों का पालन करते हुए मजार पर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं जुटेगी। जो इक्का दुक्का श्रद्धालु मजार पर माथा टेकने आएंगे, उनको भी लागू नियमों का पालन करने की हिदायतें दी जाएंगी। बाकी मजार प्रबंधन सिर्फ बाबा की दरगाह पर चादर चढ़ाने और प्रसाद का भोग लगाने की रस्में निभाकर कोरोना महामारी से समाज की सुरक्षा की कामना करेगा। गौरतलब है कि हर बार बाबा चमलियाल की दरगाह पर मेला लगता था। पाकिस्तान के लोग भी फेंसिंग के एस पार जमा होते थे। इस मेले के आयोजन की तैयारियां करीब एक माह पहले ही प्रशासन की तरफ से शुरू कर दी जाती थीं।