Amarnath Yatra: जम्मू प्रवेश द्वार लखनपुर से गुफा तक तैनात होंगे विशेषज्ञ डॉक्टर
राज्यपाल प्रशासन ने स्वास्थ्य निदेशक जम्मू और कश्मीर दोनों को पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। जम्मू में डॉ. गिरीश को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। इस बार बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा एक जुलाई से शुरू होकर पंद्रह अगस्त तक चलेगी। इसके लिए राज्यपाल प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। इस बार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सेहत की जांच के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। लखनपुर से लेकर बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के बाहर तक विशेषज्ञ डाक्टरों को तैनात किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जम्मू संभाग में कठुआ से बनिहाल तक 36 स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें एक-एक डॉक्टर के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी नियुक्ति होगी।
इसी तरह कश्मीर संभाग में 66 स्वास्थ्य केंद्र स्थापित होंगे। सभी केंद्रों पर दवाइयां व उपकरण भी भेजे जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि इनमें विशेषज्ञ डाक्टरों की सेवाएं ली जाएं। विशेषकर बालटाल से भवन और पहलगाम से भवन तक। यात्रा मार्ग जटिल होने के कारण यहां पर श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है। कई बार हृदयाघात के कारण उनकी मौत भी हो जाती है। हालांकि, यात्रा से पहले सभी श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है। इसके बावजूद यात्रा मार्ग पर कई बार श्रद्धालुओं की सेहत बिगड़ जाती है। इसे देखते हुए फिजीशियन, आर्थाेपैडिशियन और सर्जरी के डाक्टरों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अलावा मेडिकल कालेज जम्मू और श्रीनगर से भी विशेषज्ञ डाक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी।
यही नहीं, यात्रा मार्ग पर बाहरी राज्यों से भी कई डॉक्टर अपनी सेवाएं देने के लिए आते हैं। इनके नाम भी राज्य प्रशासन को जल्दी ही मिलना शुरू हो जाएंगे। यात्र मार्ग पर सीआरपीएफ, बीएसएफ और गैर सरकारी संगठन कैंप स्थापित करता है। हर दिन जत्थे के साथ जम्मू से बनिहाल तक एक एंबुलेंस जाएगी, जिसमें डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात होंगे। बनिहाल से आगे स्वास्थ्य निदेशालय कश्मीर की एंबुलेंस जत्थे में जाएगी। राज्यपाल प्रशासन ने स्वास्थ्य निदेशक जम्मू और कश्मीर दोनों को पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। जम्मू में डॉ. गिरीश को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
कार्डियक मॉनीटर व पोर्टेबल वेंटीलेटर की मिलेगी सुविधा
यात्रा मार्ग कठिन और पहाड़ी होने के कारण बाबा अमरनाथ यात्रियों को अक्सर सांस लेने में परेशानी आती है। हृदयाघात की भी आशंका बनी रहती है। इसको देखते हुए मार्ग पर कार्डियक मॉनीटर, पोर्टेबल वेंटीलेटर भी उपलब्ध होते हैं। आक्सीजन सिलेंडरों का भी प्रबंध किया गया है। हर जगह पर श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा के प्रबंध किए जा रहे हैं ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो।
जम्मू में भी बनाए जाएंगे विशेष स्वास्थ्य केंद्र
जम्मू शहर में भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। यात्रा के आधार शिविर भगवती नगर के अलावा वैष्णवी धाम, सरस्वती धाम, महाजन हॉल, राम मंदिर में भी स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। इन सभी केंद्रों पर नियुक्त किए जाने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। यात्रियों के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं।
सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी, बेखौफ करें अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा पर कई बार आतंकी हमले हो चुके हैं। इस बार किस प्रकार के प्रबंध रहेंगे।
बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान पुलिस के अलावा अन्य सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां तैनात रहती हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग समेत शहर के भीतर विशेषकर धार्मिक स्थलों में भी सुरक्षा को कड़ा किया जाता है। पुलिस के विभिन्न विंग मिलकर काम करते हैं, जिससे अमरनाथ यात्रा सुरक्षित निकलती है।
आधार शिविर भगवती नगर और उसके बाहर कैसे सुरक्षा बंदोबस्त होंगे।
इस बार लंगर कमेटी को जरूरी हिदायतें जारी की हैं। लंगर कमेटियों को सीसीटीसी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह भी कहा कि लंगर में सेवा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पहचान पत्र बनाया जाए। कमेटियों को लंगर के आसपास बिजली के पर्याप्त बंदोबस्त करने को कहा गया है ताकि लंगर के आसपास हो रही हलचल को देखा जा सके।
क्या होटल मालिकों को कोई विशेष हिदायत दी गई है।
सभी होटल मालिकों से कहा गया है कि वह अपने यहां ठहरने वाले लोगों के पहचानपत्र लें। होटलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा गया है। शहर के विभिन्न होटल मालिकों के साथ मिलकर संबंधित थाने का वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसमें यात्रियों के ठहरने की जानकारी पुलिस को दी जाएगी। पुलिस अधिकारी होटलों में ठहरे लोगों पर नजर रखेंगे।
कितने जवानों को तैनात किया जाएगा।
यात्रा के दौरान सुरक्षा को पुख्ता बनाए रखने के लिए जवानों की तैनाती की जानकारी नहीं दी जा सकती। यह गोपनीय है। अलबत्ता यह सुनिश्चित किया जाता है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा में चूक नहीं होगी।
यात्रा के दौरान शहर की ट्रैफिक व्यवस्था कैसे सुचारु रखेंगे।
प्रयास किया जा रहा है कि आधार शिविर में आने वाले श्रद्धालु शहर के भीतर न आ पाएं। दूसरे राज्यों से सड़क मार्ग के जरिए आने वाले यात्रियों को सतवारी, एशिया क्रॉसिंग के जरिए भगवती नगर में तवी नदी पुल से होकर आधार शिविर में पहुंचाया जाएगा। इसी प्रकार रेलमार्ग के जरिए जम्मू आने वाले श्रद्धालुओं को बिक्रम चौक, एशिया क्रॉसिंग से होकर भगवती नगर आधार शिविर तक पहुंचाया जाएगा।
पुलिस नाकों पर श्रद्धालु परेशान न हों, इसके लिए क्या रणनीति है।
अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना होने वाले प्रत्येक यात्री को आधार शिविर भगवती नगर से होकर जाना होगा। आधार शिविर में प्रवेश करने के दौरान यात्रियों के सामान की जांच की जाती है। ऐसे में जिस वाहन पर सुरक्षा जांच का स्टीकर लगा हो, उसे रोका नहीं जाएगा। अलबत्ता किसी वाहन में संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु के होने की सूचना मिलेगी, तो नाकों पर रोक कर जांच भी की जाएगी।
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