Move to Jagran APP

Jammu: मरीजों का दर्द देख चुके अस्पतालों में हो रहा सुविधाओं का विस्तार

प्रिंसिपल डा. शशि सूदन का कहना है कि दूसरी लहर में जो मौतें हुई उनका कारण डेल्टा वायरस था। सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। किसी भी मरीज को परेशानी न हो इसके लिए अधिक से अधिक विस्तरों में आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 09:38 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 01:26 PM (IST)
Jammu: मरीजों का दर्द देख चुके अस्पतालों में हो रहा सुविधाओं का विस्तार
चालीस अतिरिक्त वेंटीलेटर खरीदे जा रहे हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल: कोरोना की दूसरी लहर में राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू सहित कई प्रमुख अस्पतालों में मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा था। लेकिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार और अस्पताल प्रशासन ने सबक सीखा और अब उन कमियों को दूर करने में लगे हुए हें। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से लेकर प्रिंसिपल और अन्य अधिकारी सभी सुविधाओं के विस्तार की स्वयं निगरानी करने में जुटे हुए हैं।

loksabha election banner

नेशनल हेल्थ मिशन से मिले आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर के दौरान मई महीने में रिकार्ड 1624 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। इनमें से 589 मौतें तो सिर्फ जम्मू जिले के विभिन्न अस्पतालों में हुई जो कि कुल मौतों का 41 फीसद है। जीएमसी जम्मू में सबसे अधिक 480 के करीब मौतें हुई थी। इसके बाद जून महीने में 416 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई। इनमें 78 मौतें जम्मू जिले में हुई।

अधिकांश मौतें जीएमसी जम्मू, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और गांधीनगर अस्पताल में हुई। इस लहर के दौरान हर दिन औसतन तीन से पांच हजार कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे थे। जम्मू संभाग में पहले अधिकांश मरीजों को जम्मू के अस्पतालों में ही भर्ती किया जा रहा था। सीमित बिस्तरों की संख्या होने के कारण बहुत से ऐसे मरीज थे जिन्हें कि अस्पतालों में हाई फ्लो आक्सीजन की सुविधा वाले विस्तर ही नहीं मिल पा रहे थे।

जीएमसी जम्मू में पहले आइसीयू, सीसीयू, हाई डिपैंडेसी वार्ड, वार्ड नंबर तीन को छोड़ कर अन्य जगहों पर हाई फ्लो आक्सीजन वाले बिस्तर नहीं थे। हालांकि समय-समय पर जीएमसी प्रशासन ने बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई लेकिन बहुत से मरीज यह शिकायत करते रहे कि उन्हें बिस्तर नहीं मिल रहे। ऐसी ही स्थिति अन्य अस्पतालों में भी थी। मरीज लगातार बढ़ते गए। वेंटीलेटर, वाइपेप मशीनें भी कम पड़ती गई। कई मरीजों ने यह शिकायत की कि उन्होंने वाइपेप मशीनें किराये पर लाई। इसके बाद यह मशीनें भी खरीदी गई।

सीडी अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, गांधीनगर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में भी इसी तरह के हालात रहे। कुछ मरीजों ने तो यह तक शिकायतें की कि प्रशिक्षित स्टाफ उन्हें देखने ही नहीं आता है। इसके बाद स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल ढुल्लू ने वरिष्ठ डाक्टरों को कोविड वाडों का दौरा स्वयं करने को कहा। लेकिन मरीजों की शिकायतें बरकरार रही।

दूसरी लहर में मरीजों को आई दिक्कतों के बाद अभी अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जीएमसी और उनके सहायक अस्पतालों सुपर स्पेशलिटी, सीडी अस्पताल, मनाेरोग अस्पताल में दूसरी लहर में कुल 967 बिस्तर कोविड 19 के मरीजों के लिए रखे गए थे। इन सभी में हाई फ्लो का प्रबंध किया गया था। लेकिन इस बार इनमें 350 और बिस्तरों को शामिल किया जा रहा है। इन सभी विस्तरों में भी हाई फ्लो आक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। आक्सीजन की समस्या न आए, इसके लिए जीएमसी जम्मू में दो और लिक्यूड मेडिकल आक्सीजन टैंक स्थापित किए जा रहे हैं। चालीस अतिरिक्त वेंटीलेटर खरीदे जा रहे हैं।

जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन का कहना है कि दूसरी लहर में जो मौतें हुई उनका कारण डेल्टा वायरस था। सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। किसी भी मरीज को परेशानी न हो, इसके लिए अधिक से अधिक विस्तरों में आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उनका कहना है कि आइसीयू के दो सौ विस्तर अतिरिक्त तैयार किए जा रहे हैं। बच्चों के इलाज के लिए भी सुविधाएं बए़ाई जा रही हैं। स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

डीआरडीओ अस्पताल भी देगा राहत: जम्मू और श्रीनगर में पिछली बार दूसरी लहर में डीआरडीओ ने उस समय अस्पताल तैयार किए थे जब मरीजों की संख्या लगभग खत्म हो गई थी। इस कारण कोविड के मरीजों को कोई लाभ नहीं मिला था। लेकिन इस बार इन अस्पतालों का भी मरीजों को लाभ होगा। जम्मू और श्रीनगर में स्थित इन अस्पतालों में 500-500 बिस्तरों की क्षमता है। इनमें 250 बिस्तर आइसीयू के हैं। यही नहीं बच्चों के इलाज के लिए 25-25 बिस्तर अलग से बनाए जा रहे हैं। दोनों ही अस्पतालों में आइसीयू, वाइपेप, आक्सीजन सभी की व्यवस्था है। ऐसे में तीसरी लहर अगर आती है तो यह अस्पताल भी मदद करेंगे। यह अस्पताल भी मेडिकल कालेज जम्मू और श्रीनगर के अधीन ही काम करन रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.