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Jammu: घराना में खेत में बोई गेहूं की फसल को चट कर रहे विदेशी मेहमान, किसान हो रहे परेशान

बोई गई गेहूं की फसल को ये विदेशी मेहमान चट कर रहे हैं। खेत उजरने से परेशान घराना और आसपास के गांवों के किसान अपनी चिंता लेकर शुक्रवार को फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी के पास पहुंचे। उन्होंने फॉरेस्ट अधिकारी को बताया कि फसल की सुरक्षा या नुकसान का मुआवजा दें।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 05:41 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 05:41 PM (IST)
Jammu: घराना में खेत में बोई गेहूं की फसल को चट कर रहे विदेशी मेहमान, किसान हो रहे परेशान
वन्य जीव विभाग के ब्लॉक आफिसर धीरज रामपाल घराना पहुंच कर उन खेतों का जायजा लिया

जम्मू, जेएनएन : भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे घराना वेटलैंड में प्रवास कर रहे विदेशी मेहमान पर्यटकों को भले लुभा रहे हैं, लेकिन आसपास के गांवों के किसानों के लिए वे सिरदर्द साबित हो रहे हैं। खेतों में बोई गई गेहूं की फसल को ये विदेशी मेहमान चट कर रहे हैं। खेत उजरने से परेशान घराना और आसपास के गांवों के किसान अपनी चिंता लेकर शुक्रवार को फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी के पास पहुंचे। उन्होंने फॉरेस्ट अधिकारी को बताया कि घराना में आए हजारों विदेशी पक्षी ग्रामीणों की फसल को तबाह कर रहे हैं। फसल की सुरक्षा या नुकसान का मुआवजा दें।

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ग्रामीणों की परेशानी सुनने के बाद शुक्रवार को वन्य जीव विभाग के ब्लॉक आफिसर धीरज रामपाल घराना पहुंच कर उन खेतों का जायजा लिया, जिन खेतों में बाेए गए गेहूं की फसल को विदेशी पक्षी खा गए थे। उन्होंने किसानों की चिंता को जायज माना और कहा कि विभाग के उच्च अधिकारी को इस बारे में बताया गया है। किसानों की चिंता दूर करने की योजना बनाई जा रही है। स्थानीय लंबरदार बिशन लाल, बोधराज, सिंह, राजकुमार, मित्तल चौधरी, कमल, दर्शन लाल, बलकार कुमार आदि ने बताया कि खेती ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है। हर साल पक्षियों के उत्पात से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। वाइल्ड लाइफ विभाग जल्द स्थायी समाधान नहीं रहा है।

किसानों की फसल बर्बादी की समस्या पर डीएफओ अनिल कुमार अत्री ने कहा कि विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि पक्षी खेतों में बोई फसल काे बर्बाद नहीं करे। इसके लिए हर दिन सुबह भिगोए हुए गेहूं को वेटलैंड के आसपास छिड़का जाता है, ताकि भोजन के लिए पक्षी किसानों के खेतों में कम से कम जाए। पक्षी को पूरी तरह रोक पाना संभव नहीं हो रहा है, लेकिन विभाग ने एक प्लान बनाया है, जिसके तहत किसानों को मुआवजा देने का भी कुछ प्रावधान है। आसपास की जमीन को अधिग्रहण किए जाने की दिशा में भी काम चल रहा है। जल्द ही किसानों की समस्या का समाधान हो जाएगा।


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