हर चेहरे पर था भय, दो दिनों से दहशत में रातभर जागते रहे लोग
जम्मू झज्जर कोटली में जैश के तीन आतंकी जवानों पर गोलियां बरसाते भाग निकले। शायद ही रात कोई सोया हो। सभी को डर था कहीं आतंकी घर में न आ जाएं
झज्जर कोटली, जेएनएन। झज्जर कोटली सिर्फ श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक कस्बा या पड़ाव ही नहीं बल्कि एक पर्यटनस्थल है,जहां गर्मियों में लोगों का जमावड़ा रहता है। बीते दो दिनों में यह पर्यटनस्थल के बजाय जंग का मैदान बना हुआ था। पर्यटकों की कहकहों के बजाय गोलियों की आवाज ही सुनाई दे रही थी। पूरे इलाके में विरानी छाई थी। लोगों के चेहरे पर डर साफ नजर आता था।
जम्मू से 27 किलोमीटर दूर झज्जर कोटली में गत रोज जैश के तीन आतंकी पुलिस के जवानों पर गोलियां बरसाते हुए भाग निकले थे। चारों तरफ से पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवान या फिर मीडिया से जुड़े लोग नजर आ रहे थे। स्थानीय लोग घरों में दुबके हुए थे। बंद खिड़कियों से झांकती आंखें बता रही थी कि यहां कुछ ठीक नहीं है।
चौराहों पर एक-दो दुकानें खुली थी और वहीं पर कुछ ग्रामीण हालात को लेकर आपस में चर्चा कर रहे थे कि अब यहां भी कश्मीर बन गया है। सतपाल ने कहा कि यह सभी लोग सुबह ही नाले के पार अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। यहां पता नहीं कब किस जगह से आतंकी गोलियां बरसाते हुए निकल आए।
यहां शायद ही रात को कोई सोया होगा। सभी को डर लग रहा था कि कहीं आतंकी घर में न आ जाएं, लोग खेत में जाने से डर रहे थे। ईश्वर दास शर्मा जिनके घर में रात को आतंकी आए थे, ने कहा कि आतंकियों ने बेशक कोई बुरा सुलूक नहीं किया। लेकिन धमकी तो उन्होंने दी थी। पूरी रात हम लोगों ने डर कर गुजारी। उनके जाने के बाद जब पुलिस घर से होकर निकली तो हम सभी लोग घर में नहीं रुके। हम पड़ोसियों के घर चले गए। सुबह घर में आते हुए डर लग रहा था। सभी घबराए हुए थे। मेरी बहु सदमे से नहीं उभर सकी है। तरसेम कुमार ने कहा कि यहां हम लोगों में से किसी ने कभी नहीं सोचा कि यहां आतंकी आ सकते हैं। आल पंचायत कांफ्रेंस के महासचिव अनिल शर्मा ने कहा कि शायद ही कोई रात को सोया होगा। सुबह होते ही कई लोग अपने घरों में ताला लगाकर अपने रिश्तेदारों के घरों में चले गए हैं। आज कोई टूरिस्ट झज्जर कोटली में नहीं है। इस घटना से स्थानीय पर्यटन पर असर पड़ेगा। मां वैष्णो देवी की कृपा और आशीर्वाद के चलते आतंकी किसी मासूम को निशाना नहीं बना सके।झज्जर कोटली के जंगल में छिपे आतंकवादियों को मारने के लिए मोर्चा संभाले जवान’