Move to Jagran APP

माता वैष्णो देवी के भक्तों को सुविधाएं देने के लिए हर चुनौती है स्वीकार्य

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णो देवी भवन के प्रबंधन के साथ ही श्रद्धालुओं को वर्ष 1986 से सुविधाएं दे रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 11:24 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 11:29 AM (IST)
माता वैष्णो देवी के भक्तों को सुविधाएं देने के लिए हर चुनौती है स्वीकार्य
माता वैष्णो देवी के भक्तों को सुविधाएं देने के लिए हर चुनौती है स्वीकार्य

कटड़ा, संवाद सहयोगी। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णो देवी भवन के प्रबंधन के साथ ही श्रद्धालुओं को वर्ष 1986 से सुविधाएं दे रहा है। 34 वर्ष पुराने श्राइन बोर्ड ने इस अवधि में महत्वपूर्ण परियोजनाएं लागू की हैं, जिनका श्रद्धालुओं को सीधा लाभ मिल रहा है। इसके बावजूद श्राइन बोर्ड के नवनियुक्त सीईओ रमेश कुमार के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। वह कहते हैं कि चुनौतियां हैं, लेकिन इनसे एक-एक कर दूर कर लिया जाएगा। इनमें भवन पर श्रद्धालुओं के लिए इमारतों का निर्माण करना, यात्रा मार्ग पर निशुल्क लंगर की व्यवस्था करना, सीसीटीवी कैमरे लगाना, शंकराचार्य परियोजना को पूरा करना प्रमुख रूप से हैं।

loksabha election banner

बतौर श्राइन बोर्ड के सीईओ आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?

बीते चार-पांच वर्षों से वैष्णो देवी यात्रा में जारी गिरावट पर विराम लगाना है। वैष्णो देवी भवन पर महत्वपूर्ण दुर्गा भवन परियोजनाओं को शुरू करना, भवन मार्ग पर अधिक से अधिक निशुल्क लंगर की व्यवस्था करना, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भवन मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाना, महत्वपूर्ण शंकराचार्य परियोजना को पूरा करना आदि मेरी प्राथमिकताओं में हैं।

दुर्गा भवन परियोजना कब शुरू होगी?

डीपीआर तैयार कर ली गई है। जल्द ही टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। करीब 35 करोड़ रुपये की यह परियोजना चार वर्षों में पूरी होगी, जिससे भवन पर करीब 4000 अतिरिक्त संख्या में श्रद्धालु रह सकेंगे।

क्या प्राचीन मार्ग पर भी श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क लंगर की व्यवस्था होगी ?

हां, श्रद्धालुओं को नववर्ष पर मां वैष्णो देवी के प्राचीन मार्ग पर सांझी छत क्षेत्र में निशुल्क लंगर की व्यवस्था मिलेगी, जिसको लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है। फरवरी तक यह काम पूरा हो जाएगा।

भवन मार्ग पर कब सीसीटीवी कैमरे लगेंगे?

वैष्णो देवी भवन से लेकर सभी मार्गों पर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। करीब तीन करोड़ रुपये की यह परियोजना दो वर्ष में पूरी कर ली जाएगी।

25 वर्ष से लटकी महत्वपूर्ण शंकराचार्य परियोजना कब पूरी होगी?

कटड़ा के साथ लगते हंसाली गांव की पहाड़ी पर अधर में लटकी शंकराचार्य परियोजना की पूरी स्टडी की जा रही है। इस परियोजना में विलंब का कारण स्थानीय लोगों के साथ सड़क को लेकर सहमति न बन पाना था। जल्द ही स्थानीय लोगों के साथ सड़क को लेकर बातचीत की जाएगी, ताकि जल्द से जल्द यह परियोजना पूरी हो। इसका लाभ नगरवासियों के साथ ही श्रद्धालुओं को मिल सके।

बीते चार-पांच वर्षों में विभिन्न कारणों से वैष्णो देवी यात्रा में निरंतर गिरावट जारी है। इस पर विराम कैसे लगाया जाएगा ?

श्राइन बोर्ड इस पर पूरी तरह से गंभीर है। इसी क्रम में ताराकोट मार्ग के साथ ही पारंपरिक मार्ग पर कई तरह के सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करने पर विचार हो रहा है। पूरे देश में यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि यहां के हालात बिल्कुल सामान्य हैं। श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के निरंतर मां वैष्णो देवी के दर्शन कर सकते हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं में किस तरह की बढ़ोतरी की जा रही है?

भवन के साथ ही सभी मार्गों पर अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही डॉक्टरों व स्वास्थ्य विभाग की टीमों की तैनाती हर पल की गई है। भवन के साथ ही अद्र्धकुंआरी, ताराकोट मार्ग, बाणगंगा आदि स्थानों पर क्रिटिकल केयर एंबुलेंस लगाई गई हैं।

भैरव घाटी पर श्रद्धालुओं को उचित सुविधाएं कब मिलेंगी?

हालांकि, महत्वपूर्ण पैसेंजर केबल कार सेवा शुरू होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोजाना भैरव घाटी पहुंचने लगे हैं। अब श्राइन बोर्ड भैरव घाटी मंदिर को और ज्यादा भव्य बनाने के साथ ही श्रद्धालुओं को रहने के साथ ही खाने-पीने आदि की सुविधाएं बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

बाणगंगा से मिल्कबार तक रास्ता संकरा है। यह समस्या कब दूर होगी?

बाणगंगा से लेकर मिल्कबार तक का पारंपरिक मार्ग अधिकांश निजी मार्ग है। भीड़भाड़ वाले दिन में अक्सर श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ती है। जल्द ही इस मार्ग के चौड़ीकरण पर विचार किया जाएगा। स्थानीय लोगों से बात की जाएगी।

ताराकोट मार्ग पर अधिक श्रद्धालु सफर करें, इसके लिए क्या योजना है?

इस मार्ग की ओर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए श्राइन बोर्ड ज्यादा फूड प्वाइंट खोलने की योजना पर कार्य करने जा रहा है। साथ ही ताराकोट स्थल पर बनाए गए ओपन थिएटर में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

बाणगंगा नदी कब साफ होगी?

नमामि गंगे परियोजना के तहत इस पर जल्द ही गंभीरता से मंथन किया जाएगा। किन कारणों से बाणगंगा दूषित हो रही है, वह सभी कारण बंद किए जाएंगे, ताकि बाणगंगा का अपना स्वरूप एक बार फिर बहाल हो सके और श्रद्धालु इस पवित्र नदी में स्नान कर सकें। इस पर जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।

आधार शिविर कटड़ा के समग्र विकास के लिए श्राइन बोर्ड किस तरह का सहयोग करेगा?

श्राइन बोर्ड निरंतर आधार शिविर कटड़ा के विकास के लिए अग्रणी है। कटड़ा की गलियां हों या फिर कोई और कार्य, श्राइन बोर्ड अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है।

नववर्ष पर दिव्यांग, बुजुर्ग श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्या इंतजाम हैं?

बुजुर्ग और दिव्यांग तत्काल सहायता के लिए इच्छुक श्रद्धालु श्राइन बोर्ड के केंद्रीय कार्यालय के साथ ही मुख्य बस अड्डे पर स्थित निहारिका कांप्लेक्स में भी संपर्क कर सकते हैं। इन श्रद्धालुओं को तत्काल सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.