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Maharaja Hari Singh की जयंती पर जश्न में डूबा पूरा जम्मू, पहली बार छुट्टी घोषित होने पर उत्साह चरम पर

सुबह होते ही जगह-जगह तरह तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों ने अपने अपनेे अंदाज में जश्न मनाया। कहीं रैलियां निकाली गईं तो कहीं श्रद्धांजलि समरोह का आयोजन हुआ। कहीं मिठाइयां बंटीं तो कहीं लोग ढोल की थाप पर थिरकते रहे।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 05:17 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 05:49 PM (IST)
Maharaja Hari Singh की जयंती पर जश्न में डूबा पूरा जम्मू, पहली बार छुट्टी घोषित होने पर उत्साह चरम पर
पहली बार महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सरकारी छुट्टी घोषित होने के कारण उत्साह सातवें आसमान पर है।

जम्मू, जेएनएन : महाराजा हरि सिंह की जयंती पर पूरा देर रात से ही जश्न में डूबा हुआ है। देर रात को जमकर आतिशबाजी हुई। फिर सुबह होते ही जगह-जगह तरह तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों ने अपने अपनेे अंदाज में जश्न मनाया। कहीं रैलियां निकाली गईं तो कहीं श्रद्धांजलि समरोह का आयोजन हुआ। कहीं मिठाइयां बंटीं तो कहीं लोग ढोल की थाप पर थिरकते रहे। पहली बार महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सरकारी छुट्टी घोषित होने के कारण उत्साह सातवें आसमान पर है।

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महाराजा हरि सिंह को श्रद्धांजलि देने का मुख्य कार्यक्रम तवी पुल के किनारे महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा और महाराजा हरि सिंह पार्क में हुआ। यहां पर राजपूत सभा के बैनर तले हजारों की संख्या में लोग रैली की शक्ल में पहुंचे और महाराजा को पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान 127 किलो का लड्डू काट कर लोगों में बांटा गया। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि 70 साल के बाद महाराजा की जयंती पर छुट्टी की घोषणा होना महाराजा के सम्मान में सच्ची श्रद्धांजलि है।

डोगरा सदर सभा ने सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाई जश्न : जम्मू कश्मीर और लद्दाख की तत्कालीन रियासत के महाराजा हरि सिंह की 127वीं जयंती को डोगरा सदर सभा ने सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाया। महाराजा की जयंती पर सरकारी छुट्टी होने पर समारोह विशेष उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान वक्ताओं ने इस शुभ दिन को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में उपयुक्त नाम देने के लिए डोगरा सदर सभा की सराहना की। सरकार से सर्वसम्मति से एक अपील की गई थी कि सभी शैक्षणिक संस्थानों और अन्य सरकारी विभागों को भी अपने-अपने परिसरों में दिवंगत महाराजा की इस तरह की प्रतिबद्धता के लिए ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाने के लिए कहा जाए।

उन्होंने व्याख्यान, कविताओं, गीतों और फूलों की भेंट के माध्यम से दिवंगत महाराजा को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रसिद्ध डोगरा कलाकार रणधीर सिंह रायपुरिया और सीएस काटल द्वारा कविताएं और डोगरी गीत प्रस्तुत किए गए और समारोह को चिह्नित करने के लिए डोगरा लॉ कॉलेज की छात्राओं द्वारा सुंदर डोगरी नृत्य प्रस्तुत किया गया।

इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में ठाकुर गुलचैन सिंह चाढ़क ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों और सभी सामाजिक लोगों को बधाई देते हुए यह ऐतिहासिक अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। धार्मिक, व्यवसायिक एवं राजनीतिक संगठन विशेष रूप से युवा राजपूत सभा के जोश को विशेष श्रेय दिया। उन्होंने छुट्टी के लिए प्रधान मंत्री और गृह मंत्री का भी आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस सांकेतिक कृत्य के माध्यम से, इस महान भारतीय राष्ट्र के निर्माण में महाराजा के योगदान, एक प्रगतिशील समाज सुधारक, शिक्षाविद और सामाजिक न्याय के समर्थक के रूप में उनकी भूमिका को विधिवत मान्यता मिली है।वह सम्मानित शासक थे।एक डोगरा आइकन के रूप में प्रतिष्ठित, जिन्होंने अपने जीवन के अंतिम 14 वर्षों को अपने ही देश में निर्वासन में बिताना पसंद किया।

कार्यक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री कविन्द्र गुप्ता, सेवानिवृत्त मेजर जनरल जी एस जम्वाल, पूर्व कुलपति प्रो. आर डी शर्मा, पूर्व एमएलसी नरेश गुप्ता, सेवानिवृत्त कर्नल कर्ण सिंह, प्रेम सागर गुप्ता, गंभीर देव सिंह, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा, अमानत अली शाह, सेवानिवृत्त जेकेएएस अजय खजूरिया, जगमोहन शर्मा, सीएम शर्मा शामिल थे।


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