Move to Jagran APP

इंजीनियर रशीद भूख हड़ताल पर राज्य पुलिस अपने जुल्म बंद करे

निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ शुक्रवार को नमाज ए जुम्म्मा के बाद 24 घंटे के लिए भूख हड़ताल शुरु की।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 11:15 AM (IST)
इंजीनियर रशीद भूख हड़ताल पर राज्य पुलिस अपने जुल्म बंद करे
इंजीनियर रशीद भूख हड़ताल पर राज्य पुलिस अपने जुल्म बंद करे

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ शुक्रवार को नमाज ए जुम्म्मा के बाद 24 घंटे के लिए भूख हड़ताल शुरु की। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन स्थानीय लोगों पर अपने जुल्म बंद करने चाहिए।

loksabha election banner

लगातार हो रही मूसलधार बारिश के बावजूद अपने समर्थकों संग निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद नमाज ए जुम्मा के बाद लालचौक के साथ सटे प्रैस एन्कलेव में पहुंचे और एक तंबु लगा भूख हड़ताल पर बैठ गए। उनके समर्थकों ने जो बैनर उठा रखे थे, उन पर अंग्रेजी में लिखा था स्टाप एट्रोसिटीस ऑन स्टुडेंटस, जस्टिस डिलेड जस्टिस डिनाईड, शैल वुई काल इट जेकेपी और जम्मू पुलिस। कश्मीर में जनमत संग्रह और रसाना कांड के दोषियों के लिए फांसी की सजा के नारे भी भूख हड़ताल पर बैठे विधाायक और उनके साथियों ने लगाए।

इस दौरान बातचीत में निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि हमारी आज की यह भूख हड़ताल एक सांकेतिक हड़ताल है जो हम जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों व जवानों की अंतरात्मा काे जगाने के िलए है। राज्य पुलिस यहां आम लोगों पर चाहे वह छात्र हों,महिलाएं हों,बुजुर्ग हों सभी पर जुल्मों का दौर जारी रखे हुएहैं। उन्होंने कहा कि रसाना कांड के खिलाफ हमारे बच्चे, छात्र जब सड़कों पर उतरे तो पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई। पीड़िता के लिए न्याय मांग रही लड़कियों पर पैलेट दागे गए।

इंजीनियर रशीद ने कहा कि यह कौन सा इंसाफ है, एक तरफ कश्मीर में रसाना कांड की पीड़िता के लिए इंसाफ मांगने के लिए जुलूस भी नहीं निकालने दिया जाता और दूसरी तरफ रसाना के दोषियों को बचाने में जुटे एक पूर्व मंत्री को रोड शो की इजाजत दी जाती है। कश्मीरियों पर यह जुल्म क्यों। हम लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की भी इजाजत नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों व जवानों से कहता हूं कि अभी भी वक्त है,संभल जाओ। आप लोग हमारे अपने ही हो। रिटायरमेंट के बाद आपको हम लोगों के बीच में ही रहना है। मेरी राज्य पुलिस से अपील है कि वह ज्यादतियां न करें, छात्रों काे न पीटे,उन पर पैलेट न चलाए। सड़कों पर जुलूस निकालने वाले छात्र अपने घर के मसलों के िलए नारेबाजी नहीं कर रहे हैं, उन्हें नौकरी नहीं चाहिए, उन्हें रसाना की अाठ साल की मासूम बच्ची के लिए इंसाफ चाहिए। वह जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ इंसाफ चाहते हैं।

छात्रों से प्रदर्शन समाप्ती के बारे में कहे जाने पर वह बोले कि रसाना कांड एक जघन्य अपराध है। लोगों में बहुत गुस्सा है। अतीत के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए लोगों को उम्मीद नहीं कि इस बार भी इंसाफ होगा। इसलिए सभी उद्वेलित हैं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.