JKCA Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री Farooq Abdullah की संपत्ति अटैच की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति जब्त कर ली है। प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला द्वारा कथित करोड़ों रुपए के हुए घोटाले के सिलसिले में की है।
जम्मू, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष 83 वर्षीय डा. फारूक अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अटैच कर ली है। इस संपत्ति में फारूक का श्रीनगर, जम्मू व टंगमर्ग में स्थित आवास भी शामिल है। ईडी ने यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जकेसीए) के अध्यक्ष रहे डा. फारूक के कार्यकाल के दौरान हुए करीब 45 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में की है।
ईडी ने प्रदेश में फारूक अब्दुल्ला के तीन आवास सहित उनकी पांच संपत्तियां अटैच कर ली हैं। सूत्रों के अनुसार, श्रीनगर में गुपकार रोड पर स्थित फारूक का आवास स्टेट लैंड पर लीज पर बना है। वहीं, जम्मू में बठिंडी स्थित घर भी स्टेट लैंड और फारेस्ट लैंड पर कब्जा करके बनाया गया है। इसके अलावा कश्मीर के टंगमर्ग के कटीपोरा तहसील में स्थित आवास, श्रीनगर में रेजीडेंसी रोड में व्यवसायिक केंद्र व प्रदेश में चार अलग-अलग जगह जमीन भी अटैच की गई है। इसकी कुल कीमत 11.86 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
बीसीसीआइ ने जेकेसीए को दिए थे 109.78 रुपये :
ईडी के अनुसार, जम्मू कश्मीर में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआइ ने वर्ष 2005-2006 और दिसंबर 2011 के दौरान जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को कुल 109.78 रुपये की धनराशि भेजी। जनवरी 2006 से लेकर 2012 तक फारूक अब्दुल्ला जेकेसीए के अध्यक्ष थे। आरोप है कि उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल किया और अवैध नियुक्तियां की। यह भी आरोप है कि अधिकारियों को वित्तीय लेनदेन के अधिकार तक सौंप दिए गए। ईडी ने जांच में कहा है कि फारूक अब्दुल्ला जेकेसीए की राशि को खुर्दबुर्द करने में शामिल हैं।
45 करोड़ रुपये का घोटाला :
ईडी ने जांच में पाया कि करीब 45 करोड़ रुपये की धनराशि का कथित घोटाला हुआ है। इनमें से 25 करोड़ रुपये बैंक खातों से निकासी कर निकाले गए। इस पैसे के इस्तेमाल के बारे में कोई जानकारी बैंक खातों में नहीं दी गई है। ईडी ने कहा कि यह न्यायोचित नहीं है। जांच में पाया गया कि जिस मकसद से धनराशि निकाली गई वह अपराध की श्रेणी में आता है। जेकेसीए फंड का दुरुपयोग करने में कई जटिलताएं डाली गई। ईडी ने मामले की जांच में स्पष्ट कर दिया कि इस धनराशि का दुरुपयोग इंटरबैंक लेनदेन के जरिए भी किया गया और बाद में यह राशि कई लोगों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई।
अदालत में आरोपपत्र भी दायर :
ईडी से पहले इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला समेत जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहमसान अहमद मिर्जा और जम्मू-कश्मीर बैंक के एक कर्मचारी बशीर अहमद पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए श्रीनगर की एक अदालत में सितंबर में आरोप पत्र भी दाखिल किया था।
प्रदेश में गरमा गई थी सियासत :
ईडी ने इसी साल 19 अक्टूबर को डा. अब्दुल्ला से इस बाबत पूछताछ भी की थी, जिसके उपरांत प्रदेश में इसको लेकर राजनीति गरमा गई थी। नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं सहित पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया था। उमर ने कहा था कि पीपुल्स एलायंस के गठन के बाद ही केंद्र सरकार ने उनके पिता डा. फारूक के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर यह कार्रवाई की है।
हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे : फारूक
ईडी की कार्रवाई पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह मुझे झुकाने की कोशिश है, लेकिन मैं ऐसा हरगिज नहीं होने दूंगा। चाहे वे कुछ भी कर लें, मैं वही करूंगा, जो मेरी मर्जी करेगी। जो संपत्ति अटैच की गई है, वह पुश्तैनी है। ईडी के जो आरोप हैं, वे मनगंढ़त हैं। हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
यह हमारी पुश्तैनी जायदाद है : उमर
डॉ. फारूक अब्दुल्ला के पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि जो संपत्ति अटैच की गई है, वह वर्ष 1970 की हमारी पुश्तैनी जायदाद है। हाल ही में जो संपत्ति हमने बनाई है, वह वर्ष 2003 से पहले की है।
'भाजपा जिस तरह से पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन पर आरोप लगा रही थी, उससे साफ है कि डा. फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति को अटैच करना राजनीतिक बदले की भावना से काम करना है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने यह आरोप नहीं माने और एलांयस पर अपना विश्वास जताया। एनआइए, प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल भाजपा की निराशा को ही दर्शा रहा है।
-महबूबा मुफ्ती, पीडीपी अध्यक्ष