अप्रैल से मोबाइल की तरह रिचार्ज करवायें बिजली के मीटर
अप्रैल से आप बिजली के मीटर भी अपनी जेब अनुसार रिचार्ज कर सकेंगे। इस व्यवस्था से आपको बिजली का बिल जमा कराने के लिए बैंक में जाकर लंबी कतार में खड़ा होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जम्मू, जेएनएन। अभी तक आप मोबाइल सिम को अपने बजट के अनुसार रिचार्ज करवाते आए हैं, लेकिन अप्रैल से आप बिजली के मीटर भी अपनी जेब अनुसार रिचार्ज कर सकेंगे। इस व्यवस्था से आपको बिजली का बिल जमा कराने के लिए बैंक में जाकर लंबी कतार में खड़ा होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप पेटीएम, क्रेडिट कार्ड या फिर डेबिट कार्ड सहित अन्य सुविधा के जरिये घर बैठे मीटर रिचार्ज करवा पाएंगे। मोबाइल की तरह इस मीटर के जरिए पूरे दिन होने वाली बिजली की खपत पर नजर भी रख पाएंगे। इस सुविधा का लाभ उठाते समय आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि रिचार्ज के पैसे खत्म होते ही बिजली भी गुल हो जाएगी।
बिजली चोरी रोकने व ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम करने के उद्देश्य से सरकार ने पिछले साल अगस्त महीने में रूरल इलेक्ट्रीसिटी कॉरपोरेशन पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के साथ समझौता किया था। समझौते के तहत 282.15 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत कंपनी 9.25 लाख प्री-पेड मीटर लगाएगी। इसके लिए प्री-पेड मीटरों की खरीद शुरू हो चुकी है। इसके अलावा 126.54 करोड़ रुपये की लागत से दो लाख स्मार्ट मीटर भी खरीदे जाएंगे। हालांकि स्मार्ट मीटर लगाने की कोई तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है।
पहले चरण में जम्मू व श्रीनगर के मुख्य शहरों में दो तरह के मीटर लगाए जाएंगे। प्री-पेड मीटर सबसे पहले वहां लगेंगे जहां अब तक अस्थायी कनेक्शन दिए गए हैं। इसके बाद स्मार्ट मीटर भी लगेंगे, जिनसे उपभोक्ता शिकायत कर सकते हैं। 62 फीसद है लॉस : सरकार आज तक ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (टीएंडडी) लॉस को कम करने में सफल नहीं हो पाई है। दूसरे राज्यों के मुकाबले जम्मू-कश्मीर 62 फीसद टीएंडडी लॉस के साथ पहले पायदान पर है।
घर बैठे कर पाएंगे शिकायत
आने वाले समय में वोल्टेज कम होने या फिर बिजली सप्लाई ठप होने पर उपभोक्ताओं को शिकायत करने के लिए विभाग के कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यह काम घर में लगा स्मार्ट मीटर कर देगा। स्मार्ट मीटर सीधे ही रिमोर्ट कंट्रोल सेंटर में सिग्नल भेज देगा। कंट्रोल रूम में तैनात टेक्निशियन फौरन खराबी को ठीक करने के लिए निकल पड़ेंगे। यह स्मार्ट मीटर यूएसए की कंपनी ने बनाए हैं, जो भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित हैं।
इसलिए पड़ी प्री-पेड मीटर लगाने की जरूरत
-बिजली चोरी रोकना
-ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम करना
-उपभोक्ताओं की शिकायतें कम करने के साथ बेहद सुविधा देना
-बिजली देनदारों की बढ़ती संख्या
देनदारों में बड़ी कंपनियां व राजनेता भी
हाल ही में जम्मू कश्मीर ऊर्जा विभाग (जेकेपीडीडी) की ओर से जारी की गई बिजली किराए के देनदारों की सूची में कई बड़े राजनीतिक नेता, नामी व्यापारिक घराने और निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां भी शामिल थीं। इनमें एयरटेल, बीएसएनएल, रिलांयस जियो इन्फोकॉम, रिलायंस कम्यूनिकेशन्स के अलावा कश्मीर के एक नामी बिजनेसमैन इरफान अंसारी पर तो 52 लाख रुपये बकाया था। पीडीपी की पूर्व मंत्री आसिया नक्काश के घर के कनेकशन का 13.66 लाख भी शामिल था। कश्मीरी संभाग में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली किराया लोगों को चुकाना है।