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विस चुनाव पर गृहमंत्रालय से मंथन करेगा निर्वाचन आयोग

चुनाव को लेकर असमंजस बरकरार नेकां ने कोर्ट में जाने की चेतावनी दी

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 09:17 AM (IST)
विस चुनाव पर गृहमंत्रालय से मंथन करेगा निर्वाचन आयोग
विस चुनाव पर गृहमंत्रालय से मंथन करेगा निर्वाचन आयोग

राज्य ब्यूरो, जम्मू : विधानसभा चुनाव को लेकर अभी भी असमंजस बरकरार है। निर्वाचन आयोग ने अगले सप्ताह फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय और संविधान विशेषज्ञों से राज्य के हालात व चुनाव के संदर्भ में विचार विमर्श करने का फैसला किया है। इस बीच, प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस ने कोर्ट में जाने की चेतावनी दी है। 20 जून से राष्ट्रपति शासन लागू

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जम्मू कश्मीर में जून 2018 को भाजपा के समर्थन वापसी के बाद तत्कालीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिर गई थी। उसके बाद राज्यपाल शासन लागू हो गया। 21 नवंबर 2018 को राज्यपाल ने निलंबित विधानसभा को भंग कर दिया था। 20 जून 2018 को राज्यपाल शासन की समयावधि समाप्त होने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। छह माह के भीतर चुनाव कराने जरूरी

संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, विधानसभा भंग होने या किसी सरकार के गिरने पर छह माह में विधानसभा चुनाव कराने जरूरी हैं। परिस्थितियों के आधार पर चुनाव को कुछ समय के लिए स्थगित करते हुए राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। जम्मू कश्मीर में वर्ष 1990 से 1996 तक राष्ट्रपति शासन लागू रह चुका है। सितंबर-अक्टूबर में चुनाव कराने का सुझाव

बीते साल विधानसभा भंग करने के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा परि²श्य का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव को कुछ समय तक टाले रखा। सभी को उम्मीद थी कि संसदीय चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होंगे। गत मार्च में चुनाव आयोग ने संसदीय चुनाव का एलान तो किया, लेकिन विधानसभा चुनाव को स्थानीय हालात के आधार पर कुछ समय तक टालने का हवाला देते तीन विशेष पर्यवेक्षक तैनात कर उन्हें हालात और चुनाव के संदर्भ में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। तीनों पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट दाखिल कर चुके हैं। उसमें उन्होंने जो विकल्प दिए, उसमें उन्होंने सितंबर-अक्टूबर में चुनाव कराने का सुझाव दिया है। आज आयोग की दिल्ली में बैठक

सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को भी चुनाव आयोग नई दिल्ली में बैठक होने जा रही है। इसमें जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर कोई अंतिम एलान होगा, लेकिन इसकी संभावना नहीं है। चुनाव आयोग ने यह फैसला अगले सप्ताह होने वाली बैठक तक टालने का मन बनाया है। वह चाहता है कि गृह मंत्रालय के अलावा संविधान विशेषज्ञों से राय लेकर चुनाव का एलान करे। आयोग ने राज्य गृह विभाग और राज्य में कार्यरत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि भारतीय चुनाव आयोग विधानसभा चुनावों के अलावा विधान परिषद की छह सीटों के चुनाव कराने पर विचार कर रहा है। इनमें पंचायत और नगर निकाय कोटे की सीटें भी हैं। इन सीटों के लिए चुनावी तैयारियां जारी हैं। तिथि का एलान नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि आयोग विधानसभा चुनाव के साथ परिषद की सीटों पर चुनाव का एलान करेगा। अवाम को निर्वाचित सरकार का हक : नेकां

नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान नासिर असलम वानी ने कहा कि राज्य में एक साल से निर्वाचित सरकार नहीं है। पंचायत, नगर निकाय व संसदीय चुनाव भी हो चुके हैं। पूरी उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के साथ विधानसभा चुनावेां का एलान हो जाएगा। अगर अब चुनाव को टालने का अगर प्रयास हुआ तो हम राज्य में निर्वाचित सरकार के लिए अदालत का सहारा लेने को मजबूर हो जाएंगे। लोगों को निर्वाचित सरकार का हक है।

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