Jammu Kashmir : एक माह में हल होंगी मतदाता सूचियों पर आपत्तियां, आयोग ने की पुनरीक्षण प्रक्रिया की समीक्षा
चुनाव आयोग के वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में बैठक दोपहर 12 बजे होनी थी लेकिन किन्हीं कारणों से इसे शाम पांच बजे तक स्थगित रखा गया। लगभग ढाई घंटे तक चली इस बैठक में प्रदेश के सभी 20 जिलों पर बात हुई।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : भारतीय चुनाव आयोग ने सोमवार को निर्देश दिए हैं कि मतदाता बनने की उम्र पा चुके जम्मू कश्मीर के सभी निवासियों का पंजीकरण होना चाहिए। न कोई छूटे और न ही दोहराव हो। मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देते हुए सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। 10 नवंबर तक सभी आपत्तियों और दावों को निपटा लिया जाए।
चुनाव आयोग ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में मतदाता सूचियों की पुऩरीक्षण प्रक्रिया की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की है। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इस बैठक में जम्मू कश्मीर के सभी 20 जिलों के निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) ने हिस्सा लिया। इस बैठक को जम्मू कश्मीर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के साथ भी जोड़कर देखा जा रहा है। शाह सोमवार की शाम को तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे हैं।
चुनाव आयोग के वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में बैठक दोपहर 12 बजे होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से इसे शाम पांच बजे तक स्थगित रखा गया। लगभग ढाई घंटे तक चली इस बैठक में प्रदेश के सभी 20 जिलों पर बात हुई। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने बैठक में बताया कि एक अक्टूबर, 2022 तक जम्मू कश्मीर का जो भी नागरिक मतदाता बनने की उम्र पा चुका है, उसे पंजीकृत किया जा रहा है। उन्होंनें मसौदा सूचियों पर दावों और आपत्तियों की स्थिति के बारे में भी बताया।
अब दो नहीं, एक होगी मतदाता सूची : जम्मू कश्मीर में करीब तीन वर्ष बाद मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण हो रहा है। यह प्रक्रिया प्रदेश में इसी वर्ष मई में हुए परिसीमन के आधार पर चल रही है। परिसीमन में सात नए विधानसभा क्षेत्र बने हैं और कई का प्रारूप भी बदला है। अब जम्मू कश्मीर में 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में अब एक ही मतदाता सूची बनेगी, जबकि पांच अगस्त 2019 से पहले विधानसभा और संसदीय चुनावों के लिए अलग-अलग मतदाता सूची बनाई जाती थी।
लोगों को जागरूक करें : चुनाव आयोग ने लोगों में मतदाता पंजीकरण के बारे में बताने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए। बूथ और मोहल्ला स्तर पर शिविर लगाए जाएं। मतदाता पहचानपत्र को आधार के साथ भी जोडऩे का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी बीएलओ अपने कार्याधिकार में मतदाताओं को प्रमाणित भी करें और 25 नवंबर को मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन को सुनिश्चित करें।