जम्मू कश्मीर व लद्दाख के विद्यार्थी गुलाम कश्मीर के संस्थानों में दाखिला न लें
जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विद्यार्थियों को सलाह दी गई है कि वे गुलाम कश्मीर के शिक्षण व तकनीकी संस्थानों में दाखिला न लें। कारण ये संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं हैं। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआइसीटीई) ने यह सलाह दी है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विद्यार्थियों को सलाह दी गई है कि वे गुलाम कश्मीर के शिक्षण व तकनीकी संस्थानों में दाखिला न लें। कारण, ये संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं हैं। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआइसीटीई) ने यह सलाह दी है।
एआइसीटीई ने नोटिस जारी कर कहा है कि गुलाम कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन वहां पर शैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों व तकनीकी संस्थानों को केंद्र सरकार ने स्थापित नहीं किया है। ये संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), एआइसीटीई व मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त नहीं हैं। इसलिए विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे गुलाम कश्मीर के अलावा गिलगित व बाल्टिस्तान सहित पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित किसी कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान, इंजीनियरिग, फार्मेसी, मैनेजमेंट या अन्य संस्थानों में दाखिला न लें। इन्हें मान्यता प्रदान नहीं की गई है। इसके लिए केंद्र सरकार के अधीन अन्य विनियामक निकायों की ओर से परामर्शिका जारी की गई है। जम्मू कश्मीर शिक्षा निवेशक नीति का मसौदा तैयार
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर में शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए जम्मू कश्मीर शिक्षा निवेशक नीति 2020 को अंतिम रूप देने के लिए वीरवार को बैठक होगी। निवेशक नीति का मसौदा तैयार किया जा चुका है, जिस पर मुहर लगते ही प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश के रास्ते खुलेंगे।
प्रमुख सचिव असगर सेमून की अध्यक्षता में श्रीनगर में बैठक होगी, जिसमें वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अधिकारियों से विचार विमर्श होगा। प्रमुख सचिव का कहना है कि नियम तैयार हो चुके हैं। जल्द ही इसे मंजूरी के लिए प्रशासनिक काउंसिल को भेजा जाएगा। शिक्षा नीति का खास पहलू यह होगा कि दूसरे राज्यों की तरह आवासीय स्कूल खोलने के लिए सिगल विडो सिस्टम को अपनाया जाएगा। दूसरी तरफ शिक्षा के अधिकार कानून के नियम भी बन चुके हैं। शिक्षा के अधिकार कानून के नए नियमों में निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। एजूकेशन सिटी बनाई जाएगी
शिक्षा निवेशक नीति पर मुहर लगने के बाद एजूकेशन सिटी बनाई जाएगी। इसमें दो सौ करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। एजूकेशन सिटी में स्मार्ट स्कूल, कॉलेज, तकनीकी संस्थान, नर्सिग व पैरा मेडिकल स्कूल, लॉ स्कूल, कृषि व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए स्कूल शामिल होंगे। पाठ्यक्रम में व्यापक सुधार लाया जाएगा
जम्मू कश्मीर में पाठ्यक्रम सुधार, विस्तार, ढांचागत सुविधाएं, अध्यापकों का सहयोग, इंडस्ट्री शिक्षाविद् सहयोग, कौशल विकास व बुनियादी ट्रेनिग देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा सभी कॉलेजों को नैक की मान्यता दिलाने के लिए काम होगा। करियर काउंसलिग एंड प्लेसमेंट, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज कार्यक्रम व जम्मू कश्मीर कौशल विकास मिशन को मजबूत करने जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव भी शामिल
खेलों को बढ़ावा देने के लिए जम्मू कश्मीर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। जम्मू कश्मीर में नए प्राइवेट स्कूल, आवासीय स्कूल, कॉलेज व तकनीकी संस्थानों को निमंत्रण देने के लिए सिगल विडो सिस्टम तैयार किया जाएगा।