Jammu: करोनो कॉल में ग्राहकों के द्वार तक हर संभव सेवा पहुंचा कर निभाया रिश्ता
विजय का कहना है कि व्यापार को बढ़ाने के साथ उनके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने अपने बच्चों को अच्छे संस्कार किया हैं। आज वे पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़े हैं। उनकी दोनों बेटियां भावना शर्मा और उजाला शर्मा डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुकी हैं।
जम्मू, दिनेश महाजन: आज के इस युग में यदि एक दिन के लिए भी आप का टेलीविजन, फ्रिज, एसी, मोबाइल फोन काम करना बंद कर दें यह सोचने मात्र ही से व्यक्ति का हाल बे हाल हो जाता हैं। कोरोना काल में करीब 3 माह तक लॉकडाउन के दौरान जब सभी प्रकार की सेवाएं ठप थी तो उस दौरान भी ग्राहकों से रिश्ता निभाते हुए उनकी हर जरूरत को पूरा करने की कोशिश की गई। यह कहना हैं आरके वीडियो (सैंमसंग इलेक्ट्रानिक्स के डिस्ट्रीब्यूटर) के मालिक विजय कुमार शर्मा का।
मंदिरों के शहर जम्मू में इलेक्ट्रॉनिक शोरूम की चेन चलाने वाले विजय कुमार शर्मा ने लॉकडाउन के बीच उनसे सामान खरीदने वाले उपभोक्ताओं की मदद के लिए अपने द्वार खुले रखे थे। बिजली के उपकरण खरीदने के बाद लोगों को उसकी सर्विस देने (मरम्मत) के लिए विजय कुमार ने सैमसंग कंपनी के इंजीनियरों से संपर्क कर उन्हें ग्राहकों टेली सर्विस देने के लिए तैयार किया। ग्राहकों को कंपनी के इंजीनियर फोन पर हीं उपकरण की छोटे मोटी मरम्मत करने बारे जानकारी देते थे। उनके इस कार्य से ग्राहकों का उन पर विश्वास बढ़ा। वर्ष 1982 में गांधीनगर के रामपुरा मोहल्ले में बिजली उपकरणों की मरम्मत की दुकान से व्यापार शुरू करने वाले विजय कुमार शर्मा ने अपने बलबूते पर शहर में चार शोरूम चला रहे हैं।
संघर्ष और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया: आरके वीडियो के मालिक विजय कुमार शर्मा का कहना है कि वह एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता सरकारी कर्मी थे। साइंस कॉलेज में 12वीं की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वर्ष 1977 में उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने की ठान ली थी। उन्होंने सबसे पहले मोटर बाइंडिंग और ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत का काम विवेकानंद चौक में एक दुकानदार से सीखा था। इसके बाद वह अपने पिता के साथ श्रीनगर चले गए थे, वहां उन्होंने टेलीविजन की मरम्मत का काम सीखा था। जम्मू पहुंच कर वर्ष 1981 में उन्होंने रेजिडेंसी रोड में बिजली के उपकरण बेचने वाली एक दुकान में प्रति माह 150 रुपये वेतन पर काम किया था, लेकिन उनके मन में कुछ कर गुजरने की चाह थी। इसके बाद वर्ष 1982 में उन्होंने रामपुरा मोहल्ले में स्थित अपने घर के बाहर ही बिजली उपकरणों की मरम्मत का काम शुरू किया था। विजय कुमार शर्मा कहते हैं कि उनके जीवन में सबसे बड़ा मोड़ वर्ष 1983 में बहन की शादी में आया था।
शादी की वीडियो बनाने वाले वीडियोग्राफर से वह प्रभावित हुए और खुद वीडियोग्राफी करने का मन बनाया था। वह दिल्ली गए और वहां से वीडियो फिल्म बनाने के लिए कैमरे व अन्य उपकरण लेकर आए थे। चूंकि उस दौर में अधिक लोगों के पास कैमरे नहीं थे तो विवाह या अन्य समारोह में शहर के नामी लोग उन्हें बुलाते थे, जिससे उनके लोगों से बेहतर संबंध बनने लगे। वर्ष 1988 में उन्होंने गांधीनगर के अप्सरा रोड में वीडियोकॉन कंपनी के उपकरण बेचने की दुकान खोली। उनका काम ठीक चल निकला। वर्ष 1995 में जब सैमसंग कंपनी भारत में आई तो कंपनी जम्मू में अपने डीलर की तलाश कर रही थी। कोई भी दुकानदार तब नई कंपनी के साथ काम करना नहीं चाहता था। विजय कुमार शर्मा ने इस जोखिम को अवसर समझ कर सैमसंग की डीलरशिप ली थी। उन्होंने अपनी मेहनत और ग्राहकों से भरोसे से अपने व्यापार को बढ़ाया। वर्ष 2014 में उन्होंने शहर के न्यू प्लॉट में इलेक्ट्रानिक्स शोरूम खोला था। इसके एक वर्ष बाद यानि वर्ष 2015 में गांधीनगर के लास्ट मोड तीसरा शोरूम स्थापित किया था। वर्ष 2018 में उन्होंने बड़ी ब्राह्मणा में अपना चौथा शोरूम खोला था।
व्यापार के साथ परिवार को भी दिया पूरा समय: विजय कुमार शर्मा का कहना है कि व्यापार को बढ़ाने के साथ उनके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने अपने बच्चों को अच्छे संस्कार किया हैं। आज वे पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़े हैं। उनकी दोनों बेटियां भावना शर्मा और उजाला शर्मा डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुकी हैं। भावना शर्मा शादी के बाद चंडीगढ़ में दो क्लीनिक चला रही हैं। छोटी बेटी उजाला शर्मा जीएमसी जम्मू में कार्यरत हैं। उनका छोटा बेटे सौरभ शर्मा ने हाल ही में एमबीए की पढ़ाई पूरी कर जम्मू वापिस लौटा था। इन दिनों सौरभ अपने पिता के व्यापार में उनका पूरा सहयोग दे रहा हैं।