Durga Puja 2019: वैष्णो देवी में टूटे कई रिकॉर्ड, अब तक 62,71,000 श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में लगाई हाजिरी
Vaishno Devi मां वैष्णो देवी के दरबार में इस साल अब तक 6271000 श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई है। वहीं शारदीय नवरात्र में 364643 श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए।
कटड़ा, जेएनएन। जम्मू संभाग के रियासी जिले में स्थित देश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल मां वैष्णो देवी के दरबार में इस साल अब तक 62,71,000 श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई है। वहीं, शारदीय नवरात्र में 3,64,643 श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। हालांकि बीच-बीच में राज्य के हालात कुछ बिगड़े। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करने के बाद राज्यभर में एहतियात के तौर पर पाबंदियां रखी गई।
जम्मू संभाग में भी करीब एक सप्ताह तक पाबंदियां रखी गई, लेकिन मां वैष्णो देवी की यात्रा लगातार जारी रही। 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की स्थापना के बाद से इस मंदिर में भक्तों की संख्या काफी बढ़ी। इस यात्रा में 1986 में 13.96 लाख की बढ़ोतरी हुई, जो 2012 में बढ़कर एक करोड़ चार लाख हो गई। उसके बाद यात्रियों की संख्या बीच में कुछ घटी।
2013 में 93,24,000, 2014 में 78,03,000, 2015 में 77,76,000, 2016 में 77,23,000 मां के दरबार पहुंचें । उसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या फिर बढ़ी और 2017 में 81,78,000, 2018 में 85.87 लाख श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई।
इस साल जनवरी में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु मां के दर्शन को पहुंचें। वहीं, फरवरी में यह संख्या घटकर 2,69,000 हो गई, क्योंकि इसी महीने में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था और 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी को भारत ने पााकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की। उस दौरान हालात तनावपूर्ण रहे।
मार्च में केवल 4,62,000 श्रद्धालु ही मां के दर्शन को पहुंचें। हालांकि, अप्रैल में तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई और 6,90,893 श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई। इसके बाद मई में 8,07,125, जून में 11,59,715 और जुलाई में 8,45,071 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
राज्य प्रशासन द्वारा 2 अगस्त को एक सलाह जारी कर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को आतंकी खतरे के कारण कश्मीर छोड़ने के लिए कहने पर यात्रा पर असर पड़ा और अगस्त में केवल 6,02,003 यात्री मां के दर्शन को पहुंचें। सितंबर में 6,56,167 श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई।
3,64,643 भक्तों ने किए नवरात्र में मां के दर्शन
जानकारी हो कि इस बार शारदीय नवरात्र में 3,64,643 श्रद्धालुओं ने मा वैष्णो देवी के दर्शन किए, जो पिछले छह वर्ष का नवरात्र में सर्वाधिक रिकॉर्ड है। इससे पहले वर्ष 2018 में 3,18,000, 2017 में 3,02,000, 2016 में 2,50,000, 2015 में 2,76,000 तथा 2014 में 2,00,000 लाख श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचे थे। वहीं, श्राइन बोर्ड द्वारा नए ताराकोट मार्ग पर लगाए गए निशुल्क लंगर सेवा में शारदीय नवरात्र में 51,225 श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इसी तरह घोड़ा, पिट्ठू और पालकी सेवा का 55,477 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। वहीं, भवन और भैरव घाटी के बीच चलने वाली सेवा का 71,000 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। इसी तरह भवन व आद्कुंवारी के मध्य चलने वाली बैटरी कार सेवा का 16,000 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। वहीं, आधार शिविर कटड़ा से चलने वाली हेलिकॉप्टर सेवा का 5,260 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया।
श्राइन बोर्ड का कहना है कि इस बार यह संख्या चार लाख का आंकड़ा पार कर लेगी जो पांच सालों में सबसे अधिक है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देख कटड़ा के व्यापारी वर्ग में भी खुशी है। राज्य की मौजूदा परिस्थितियों के कारण यात्रा में काफी गिरावट दर्ज की गई थी परंतु शारदीय नवरात्रों में मां के भक्तों का जमावड़ा देख अब उम्मीद जताई जा रही है कि 31 दिसंबर तक श्रद्धालुओं का आना इसी तरह जारी रहेगा।
राज्य को मिली संजीवनी
विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णो देवी भवन पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का जम्मू-कश्मीर राज्य का शुभ संकेत देशभर में पहुंचा है। यह एक सुखद पहलु है इसका श्रेय राज्य प्रशासन के साथ ही पर्यटन विभाग, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड आदि को जाता है जिनके गंभीर प्रयासों से देशभर के लोग राज्य की रुख करने लगे हैं। वहीं जानकारों का मानना है कि श्रद्धालुओं का यह उत्साह निरंतर आगे भी बना रहेगा जिसका लाभ व्यपारी वर्ग के साथ ही जम्मू संभाग को मिलेगा। क्योंकि जारी पवित्र शारदीय नवरात्रों से पहले जहां रोजाना 12 से 15 हजार श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शनो के लिए आधार शिविर कटड़ा पहुंच रहे थे पर वर्तमान में यह आंकडा 38 से 45 हजार के मख्य पहुंच गया है।
जानकारी के अनुसार पहले नवरात्री में 48900, दूसरे नवरात्री में 40000, तीसरे नवरात्री में 39900, चौथे नवरात्री में 41500, पांचवें नवरात्री में 36800, छठे नवरात्री में 38400, सातवें नवरात्री में 38500, आठवें नवरात्री में 41000, नवें नवरात्री करीबन 40, 000