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Jammu Kashmir : सूख रहे घराना वेटलैंड को नहरी पानी से मिली नमीं

सूख कर बेजान हो रहे आरएस पुरा सीमांत के घराना वेटलैंड में फिर जान आ गई है। पंप सेट के नियमित चलाए जाने व वहीं दूसरी ओर नहरी पानी छोड़े जाने से वेटलैंड क्षेत्र में नमीं बढ़ आई है। यहां स्थित तालाब में जल स्तर बढ़ गया है।

By VikasEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 02:39 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 02:39 PM (IST)
Jammu Kashmir : सूख रहे घराना वेटलैंड को नहरी पानी से मिली नमीं
पंप सेट के नियमित चलाए जाने ओर नहरी पानी छोड़े जाने से वेटलैंड क्षेत्र में नमीं बढ़ आई है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । सूख कर बेजान हो रहे आरएस पुरा सीमांत के घराना वेटलैंड में फिर जान आ गई है। पंप सेट के नियमित चलाए जाने व वहीं दूसरी ओर नहरी पानी छोड़े जाने से वेटलैंड क्षेत्र में नमीं बढ़ आई है। यहां स्थित तालाब में जल स्तर बढ़ गया है। इससे वेटलैंड खिला खिला दिखने लगा है। तरावट बढ़ने से परिंदों के लिए भी यहां पर बेहतर वातावरण बन आया है।

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लंबे समय से बारिश नही होने के कारण पिछले दिनों यह वेटलैंड पूरी तरह से सूख आया था और इस मामले को दैनिक जागरण ने उठाया था। उसके बाद प्रशासकीय कार्रवाई हुई और तालाब में पानी पहुंचाने का क्रम आरंभ हुआ। यहां स्थित पंपसैट को लगातार चलाया जा रहा है वहीं नहर का पानी भी तालाब में छोड़ा गया ।

सितंबर-टक्टूबर माह में बारिशें नही मिलने के कारण यह तालाब पूरी तरह से सूख गया था। ऐसे में पर्यावरणविद् लोगों को चिंता थी कि पता नही इस बार राजहंस बार हेडड गीज यहां बैठेंगे कि नही। वहीं विभिन्न प्रजाति की यहां आई बतखें भी सूखे के कारण गायब होने लगी थी। लेकिन अब वेटलैंड में पर्याप्त पानी हो आया है। इससे पक्षियों के विचरण के लिए अच्छी जगह बन गई है। वहीं वन्यजीव संरक्षण विभाग ने भी कार्रवाई करते हुए तालाब परिसर से जड़ी हटाने का काम आरंभ कर दिया है। काफी हद तक जड़ी को हटवा लिया गया है और अगले दो तीन दिनों में यह काम पूरा कर लिया जाएगा।

वहीं पर्यावरणविद् अब संतुष्ट हैं। किसी भी समय घराना में राजहंस बार हेडड गीज पक्षियों के तालाब में बैठने का क्रम आरंभ हो सकता है, क्योंकि इन पक्षियों का एक छोटा झुंड पहलं ही क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज करवा चुका है। पर्यावरणविद् चंद्र मोहन शर्मा का कहना है कि धान की कटाई के बाद यह पक्षी तालाब में आसानी से बैठ सकेंगे।


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