तहजीब और तमद्दुन के मंचन से उकेरा समाज का दर्द
जागरण संवाददाता, जम्मू : एक साथ रंगमंडल ने अपनी सोमवारीय नाट्य शृंखला में 'तहजीब और तमद्दुन
जागरण संवाददाता, जम्मू : एक साथ रंगमंडल ने अपनी सोमवारीय नाट्य शृंखला में 'तहजीब और तमद्दुन' नाटक का मंचन कर युवाओं पर हावी होती तकनीकी जिंदगी पर कटाक्ष किया गया। नाटक में बताया गया कि किस तरह आज का युवा इतिहास, संस्कृति को जानने से परहेज करता है।
रेलवे रोड स्थित कामरेड धनवंतरि पार्क में आयोजित इस नाटक का आगाज जागो बंधु, जागे भैया गीत के साथ हुआ। इसके साथ ही नाटक में एक बुजुर्ग नाटकीय तरीके से युवाओं को पूछता है कि वे हमें आजादी दिलाने वालों के बारे में कितनी जानकारी रखते हैं। शहीद भगत सिंह कौन थे? सुखदेव और राजगुरु के बारे में भी पूछा। आज चंद्रशेखर आजाद के बारे में क्या जानते हैं? किसने कहा कि आज मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। इसके बाद बुजुर्ग ने उन्हें इन नामों की महत्ता बताई। इसके अलावा लोहड़ी, भजन, कीर्तन और धार्मिक आस्थाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बाबा फरीद, सूरदास, कबीर और मीरा बाई बताते हुए युवाओं से अपील की कि वे अपने संस्कृति और इतिहास से जुड़ें। इस नुक्कड़ नाटक को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। नाटक में अनुरूप पठानिया, अशोक शर्मा, राजू मैड, हर्ष महाजन, मोहित चरगोत्रा, तेजस रामपाल, शाहिद, शैली मन्हास, सविता, विधि और विजय मल्ला ने अपनी एक्टिंग से सभी को खुश किया। नाटक अनुरूप पठानिया ने लिखा था।