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मंचन से बताई बावा कालीवीर की महिमा

नार्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला और जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित डोगरी नाट्योत्सव में मंगलवार को नाटक कालीवीर का मंचन किया गया। डा. ज्ञान सिंह के लिखे एवं रविद्र शर्मा के निर्देशन में मंचित इस नाटक के माध्यम से कालीवीर जी की शिक्षाओं और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं को दर्शाया गया। नाटक में दर्शाया गया कि बावा कालीवीर जी का जन्म अयोध्या के एक धार्मिक परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ईशर और माता का नाम कौशल्या था। बावा कालीवीर कलयुग में शेषनाग जी के अवतार हैं। उन्हें त्रेतायुग में लक्ष्मण जी का अवतार मिला है। द्वापरयुग में श्री बलराम जी का अवतार लिया। श्री बावा कालीवीर जी एक महान योद्धा थे। उन्हें एक नाग भी कहा जा सकता है। वह उत्तरी भारत में एक महान शक्ति हैं जो प्राचीन काल में पैदा हुई थी। अभी भी जम्मू-कश्मीर के लोग हिमाचल प्रदेश के लोग उन्हें नाग अवतार मानते हैं। वे श्री राजा मांडलिक जी श्री गोगा वीर जी के माननीय मंत्री थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 02:20 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 02:20 AM (IST)
मंचन से बताई बावा कालीवीर की महिमा
मंचन से बताई बावा कालीवीर की महिमा

जागरण संवाददाता, जम्मू : नार्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला और जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित डोगरी नाट्योत्सव में मंगलवार को नाटक कालीवीर का मंचन किया गया।

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डॉ. ज्ञान सिंह के लिखे एवं रविद्र शर्मा के निर्देशन में मंचित इस नाटक के माध्यम से कालीवीर जी की शिक्षा और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं को दर्शाया गया। नाटक में दर्शाया गया कि बावा कालीवीर जी का जन्म अयोध्या के एक धार्मिक परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ईशर और माता का नाम कौशल्या था। बावा कालीवीर कलयुग में शेषनाग जी के अवतार हैं। उन्हें त्रेतायुग में लक्ष्मण जी का अवतार मिला है। द्वापरयुग में श्री बलराम जी का अवतार लिया। श्री बावा कालीवीर जी एक महान योद्धा थे। उन्हें एक नाग भी कहा जा सकता है। वह उत्तर भारत में एक महान शक्ति हैं, जो प्राचीन काल में पैदा हुए थे। अभी भी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के लोग उन्हें नाग अवतार मानते हैं। वे श्री राजा मांडलिक जी, श्री गोगा वीर जी के मंत्री थे। उनकी मूर्ति उन्हें काले घोड़े की सवारी और काली पोशाक के साथ, बहुरंगी पगड़ी, तलवार और एक काले नाग के साथ उनकी गर्दन के चारों ओर सवार दिखाती है। जम्मू-कश्मीर के लोग उन्हें कुल देवता के रूप में पूजते हैं। बाबा कालीवीर एक महान योद्धा थे। उन्होंने राजा को कई बार परेशानियों से बचाया। बड़ों द्वारा बताई गई कहानियों के अनुसार राजा राजकुमारी सर्जेला से शादी करने के लिए बंगाल गए। वहां उन्हें काले जादू की लपेट में ले लिया गया। बाद में कालीवीर वहां गए और सर्जेला को काले जादू से मुक्त करवाया।

यह नाटक कालीवीर जी के जीवन की विभिन्न प्रमुख घटनाओं का एक मंचन है। नाटक में विभिन्न किरदारों को निभाने वाले कलाकार थे। गौतम कुमार, अजय तमांग, संदीप मन्हास, चेतन चाढ़क, विनय शर्मा, शिवालिका अत्री, राधिका शर्मा, नीरज सेठी, शिव भूरा, शुभम कुमार, साक्षी रैना और आराध्या शामिल थी। नाटक को सुरेंद्र मंहास ने अपने संगीत से चार चांद लगाने का काम किया। कोरियोग्राफी रोहित बैंस की थी। लाइट डिजाइनिग पंकज शर्मा ने की। ध्वनि नियंत्रण लोकश चंद्र ने किया। मेकअप जनक खजूरिया ने किया।


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