Ladakh : हौसले की परवाज भरने को प्रेरित कर रहा लद्दाख, गिनीज बुक रिकार्ड बनाने को लेह से दौड़े डा महेन्द्र
मनाली रवाना होने से पहले डा महेन्द्र ने जागरण को बताया कि वह पेशे से डेंटिस्ट हैं। अभियान के आयोजन का उनका नारा हम फिट तो देश फिट है। उन्होंने बताया कि वह मेराथान के साथ साइकिलंग अभियानों में भी हिस्सा लेते हैं।
लेह, संवाद सहयोगी : महाराष्ट्र के नासिक के निवासी डा महेन्द्र महाजन गिनीज बुक रिकार्ड में अपनी नाम दर्ज करवाने के लिए वीरवार सुबह लेह से पैदल मनाली की ओर रवाना हो गए। डा महाजन आठ दिनों के अंदर मनाली तक पहुंचने का लक्ष्य हासिल करेंगे।
डा महेन्द्र महाजन वीरवार सुबह लेह पेट्रोल पंप से दौड़ते हुए हिमाचल प्रदेश के मनाली की ओर रवाना हुए। इस मौके पर उन्हें शुभकामनाएं देकर रवाना करने वालों में लद्दाख पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एएस खंडारे, स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट आफ लद्दाख सेकमाल के संस्थापक सोनम वांगचुक व खासी संख्या में लेह के निवासी भी मौजूद थे।
लेह से मनाली की दूरी 427 किलाेमीटर के करीब है। लक्ष्य हासिल करने के लिए डा महाजन को न सिर्फ दिन में अपितु रात के समय भी पैदल चलना व दौड़ना भी पड़ेगा। मदद के लिए इस दौरान एक कार में तीन सदस्यीय दल भी उनके साथ साथ आगे बढ़ेगा।
मनाली रवाना होने से पहले डा महेन्द्र ने जागरण को बताया कि वह पेशे से डेंटिस्ट हैं। अभियान के आयोजन का उनका नारा हम फिट तो देश फिट है। उन्होंने बताया कि वह मेराथान के साथ साइकिलंग अभियानों में भी हिस्सा लेते हैं। उन्होंने बताया कि वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुके हैं।
ऐसे अभियानों में हिस्सा लेने के लिए फिट होना बहुत जरूरी है। ऐसे में सबको व्यायाम का अपने जीवन का एक अहम हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि लेह से मनाली पैदल जाने का लक्ष्य कठिन है। इसे कड़ी मेहनत से हासिल कर गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड बनाने की पूरी कोशिश होगी।
डा महाजन कुछ दिन पहले लेह में पहुंचे थे। कुछ दिन तक तैयारी करने के बाद उन्होंने वीरवार को अपने अभियान का शुभारंभ किया।