डाॅ. जितेन्द्र सिंह ने कहा- सबको विश्वास में ले जल्द पूरा करें देविका नदी संरक्षण प्रोजेक्ट
अब कोविड-19 की दूसरी लहर भी एक चुनौती है। उम्मीद की जा रही है कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण में जुड़े एजेंसियां बेहतर समन्वय से प्रोजेक्ट को अगले वर्ष के आरंभ में पूरा कर दें। इस प्रोजेक्ट की निर्माण की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री ड जितेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन को उधमपुर के देविका नदी संरक्षण प्रोजेक्ट को अगले वर्ष के आरंभ में पूरा करने के लिए कहा है।
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना(एनआरसीपी) के तहत उधमपुर में देविका परियोजनाओं की घोषणा स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। देविका नदी हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक की पहचान भी हैं। देविका नदी को गंगा नदी की बहन माना जाता है। वीरवार को इस प्रोजेक्ट का जायजा लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके पूरा होने से प्रदूषण कम होगा और जल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
डा जितेंद्र सिंह ने कहा है कि देवी का सिर्फ एक प्रोजेक्ट ही नहीं आस्था का मामला भी है। ऐसे में प्रोजेक्ट को पूरा करते हुए सब को विश्वास में लिया जाए। वह वीरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव डा अरुण कुमार मेहता के साथ आवास एवं शहरी विकास बोर्ड के प्रमुख सचिव धीरज गुप्ता व संबंधित इंजीनियरिंग अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
डा जितेंद्र सिंह ने उधमपुर के डिप्टी कमिश्नर इंदु कमल चिब से कहा कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर समाज द्वारा दिए जा रहे सुझावों को गंभीरता से लिया जाए। देविका प्रोजेक्ट की तुलना नमामि गंगे प्रोग्राम से करते हुए डा जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देकर एक बहुत महत्वपूर्ण फैसला किया है। इस वर्ष जनवरी में देविका प्रोजेक्ट के अपने दौरे का हवाला देते हुए तो फिर जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने निर्माण की गति पर आपत्ति जताई थी।
अब कोविड-19 की दूसरी लहर भी एक चुनौती है। ऐसे हालात में उम्मीद की जा रही है कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण में जुड़े एजेंसियां बेहतर समन्वय से प्रोजेक्ट को अगले वर्ष के आरंभ में पूरा कर दें। इस प्रोजेक्ट की निर्माण की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि पिछली बैठक में समन्वय ना होने के मामले में कार्रवाई करते हुए ठेकेदार पर जुर्माना लगाया गया था।
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत 190 करोड के इस प्रोजेक्ट पर मार्च 2019 में काम शुरू हुआ था। प्रोजेक्ट के तहत नदी के किनारे स्नान घाट बनाने के साथ अतिक्रमण को भी हटाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत 8 मिलियन लीटर डेली, 4 मिलियन लीटर डेली व 1.6 मिलियन लीटर डेली क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए जाने हैं। प्रोजेक्ट के तहत दो श्मशान घाट, प्रोजेक्ट प्रोटेक्शन फैंसिंग, छोटा हाइड्रो पावर प्लांट व तीन सोलर पावर प्लांट भी लगाए जाने हैं। प्रोजेक्ट पूरा होने पर नदी में प्रदूषण कम होने से पानी की गुणवत्ता बेहतर होगी।