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Jammu Kashmir : फारूक ने पुराने कश्मीर को किया याद, बोले-एक समय था जब हम साथ थे, फिर एक लहर आई-हम अलग हो गए

Militancy In Kashmir 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन से पहले के जम्मू-कश्मीर को याद करते हुए कहा कि यहां का सांप्रदायिक सौहार्द पूरी दुनिया में मिसाल माना जाता था। आतंकवाद ने सब कुछ नष्ट कर दिया।

By rahul sharmaEdited By: Rahul SharmaPublished: Sun, 30 Oct 2022 02:10 PM (IST)Updated: Sun, 30 Oct 2022 02:58 PM (IST)
Jammu Kashmir : फारूक ने पुराने कश्मीर को किया याद, बोले-एक समय था जब हम साथ थे, फिर एक लहर आई-हम अलग हो गए
पलायन से पहले मौजूद सांप्रदायिक सौहार्द के बारे में इस पुस्तक में पूरी जानकारी दी है।

श्रीनगर, जेएनएन : नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के विस्फोट से पहले के दिनों को याद करते हुए कहा कि "एक समय था जब हम (कश्मीरी पंडित) साथ थे और फिर एक लहर आई और हम अलग हो गए।" उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में शांति की वापसी की कामना करते हैं ताकि सभी समुदाय बिना किसी डर के फिर से एक साथ रह सकें।

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1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन से पहले के जम्मू-कश्मीर को याद करते हुए कहा कि यहां का सांप्रदायिक सौहार्द पूरी दुनिया में मिसाल माना जाता था। आतंकवाद ने सब कुछ नष्ट कर दिया। डॉ अब्दुल्ला ने यह बात प्रसिद्ध हृदय विशेषज्ञ डॉ उपेंद्र कौल द्वारा लिखित पुस्तक, 'वैन द हार्ट स्पीक्स - मेमोरिज ऑफ ए कार्डियोलॉजिस्ट' का विमोचन करने के बाद कही। समारोह में नेकां के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल थे।

नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पुस्तक काफी अच्छी है। डॉ कौल के जीवन की यात्रा और घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन से पहले मौजूद सांप्रदायिक सौहार्द के बारे में इस पुस्तक में पूरी जानकारी दी है। 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के विस्फोट से पहले और बाद की स्थिति का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि पुस्तक में व्यक्त दुख धार्मिक समुदायों के बीच तनाव है।"

अब्दुल्ला ने कहा कि पंडितों के पलायन के समय कश्मीरी मुसलमान मूकदर्शक बने रह गए क्योंकि "हम खुद डरे हुए थे"। नेकां अध्यक्ष ने कहा कि वे संबंध अभी तक बहाल नहीं हुए हैं। ये कब बहाल होंगे, मुझे नहीं पता। हम उन दिनों की वापसी के लिए प्रार्थना करते हैं जब हम सभी बिना किसी डर के रहते थे।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले डॉ फारूक अब्दुल्ला ने शोपियां से 10 कश्मीरी पंडित परिवारों के पालयन के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने की अपील की थी। उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं की लक्षित हत्या व पलायन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए भी कहा।


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