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JK DDC Poll : घर-घर बैठकें, दिल में बदलाव का जोश, न आतंकवाद का डर-न ठंड का असर

एलओसी से सटे टंगमर्ग व आतंक का गढ़ रहे रफियाबाद में उम्मीदवारों व मतदाताओं का जोश देख सभी हैरान हैं। बारामुला में इस बार कोरोना संक्रमण के कारण बड़ी-बड़ी सभाएं तो नहीं हो रहीं लेकिन उम्मीदवार मुहल्लों व गांव-गांव में बैठकें और घर-घर प्रचार कर रहे हैं।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:01 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:01 AM (IST)
JK DDC Poll : घर-घर बैठकें, दिल में बदलाव का जोश, न आतंकवाद का डर-न ठंड का असर
चारों तरफ बर्फ। तापमान माइनस दो डिग्री सेल्सियस के आसपास। पर प्रत्‍याशियों और समर्थकों में जोश कायम है।

पांपोश रशीद, बारामुला : चारों तरफ बर्फ। तापमान माइनस दो डिग्री सेल्सियस के आसपास। कानों को चीरती बर्फीली हवाएं और खून जमा देने वाली ठंड। लेकिन यह क्या...। सर्द मौसम में भी माथे पर पसीना। फूली सांस। हाथ में फ्लां पार्टी का झंडा। गले में माला और हाथ जोड़े बर्फ के बीच में बनी पगडंडी से एक-दूसरे के पीछे-पीछे पहाड़ी चढ़ते कुछ लोग। कारवां मिट्टी से बने एक घर के बाहर रुका और एक ने आवाज दी....मोजी-अंद्र छाका, चाचा-अंद्र छाका (मां जी, अंदर कोई है, चाचा अंदर कोई है।) गर्मजोशी के साथ घर से दो और लोग साथ हुए और जिंदाबाद...जिंदाबाद करते हुए सभी आगे बढ़ गए।

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दरअसल, यह चुनावी गर्मी है। जो इस बार भारत-पाक नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे बारामुला जिले के टंगमर्ग और आतंकवाद का गढ़ रहे रफियाबाद में महसूस की जा रही है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद (डीडीसी)चुनाव में रफियाबाद और टंगमर्ग में सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

कावा की चुस्कियां करवा रहीं चुनावी गर्माहट का अहसास :

बारामुला में इस बार कोरोना संक्रमण के कारण चुनावों में रैलियां या बड़ी-बड़ी सभाएं तो नहीं हो रहीं, लेकिन उम्मीदवार मुहल्लों व गांव-गांव में जाकर बैठकें और घर-घर प्रचार कर रहे हैं। पहले चरण में रफियाबाद में सात और टंगमर्ग में 13 उम्मीदवार मैदान में थे। सभी ने खुलकर प्रचार किया। टंगमर्ग के और रफियाबाद के मुहल्लों में सुबह से देर शाम तक कावा (कश्मीरी चाय) की खुशबू और चुस्कियां चुनावी गर्माहट का अहसास करवाती रहीं। बारामुला में दूसरे चरण का मतदान कुंजर और सोपोर के अतिसंवेदनशील कुंजर में होगा।

ऐसा उत्‍साह कभी नहीं देखा :

आठ चरणों में हो रहे चुनाव के पहले चरण में शनिवार को रफियाबाद के दो ब्लॉक और टंगमर्ग के चार ब्लॉक में एक-एक सीट पर मतदान हुआ। न आतंकवाद का डर, न ठंड का कोई असर। उम्मीदवारों और मतदाताओं का जोश व उत्साह देखने लायक रहा। स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम, खुर्शीद अहमद, परवेज ने कहा कि इससे पहले हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी ऐसा उत्साह नहीं दिखा जो इस बार दिख रहा है।

रोजगार, बिजली, पानी और सड़क के लिए मतदान :

डीडीसी चुनाव में रफियाबाद और टंगमर्ग में 35.23 फीसद मतदान हुआ। दोनों ही जगह मतदान केंद्रों के आसपास बर्फ होने के बावजूद दिनभर वोट डालने के लिए मतदाताओं की कतारें लगी रहीं। वोट डालने आए मोहमद शफी व रमजान ने कहा कि वह अपने क्षेत्र में रोजगार, बिजली, पानी और सड़क के लिए मतदान करने आए हैं।

अनुच्छेद 370 और आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं :

रफियाबाद में कुछ साथियों के साथ एक मतदान केंद्र के बाहर खड़ी निर्दलीय उम्मीदवार आरती नेहरू ने कहा कि वाकई लोगों का जोश देखने लायक है। पहले रहीं नेकां और पीडीडी की सरकारों ने यहां के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। यहां के लोगों को अनुच्छेद 370 या आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं हैं। प्रचार के दौरान सभी ने बिजली-पानी, सड़क सुविधा के साथ टूरिज्म और रोजगार की बात की। आतंकी धमकियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केवल उन्होंने ही नहीं उनके क्षेत्र से चनुाव लड़ रहे सभी सात उम्मीदवारों ने खुलकर प्रचार किया है। ऐसा बेहतर माहौल पहले कभी नहीं दिखा।


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