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Sanskarshala Facebook Live : पश्चिमी सभ्यता के पीछे न भागें बच्चे, अपनी संस्कृति का सम्मान करें

उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाती है। हमें बड़ों का आदर करना सिखाती है। हम लोग अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे है। हमारे बच्चे रीति रिवाज से दूर होते जा रहे हैं। हमारे बच्चे पश्चिमी सभ्यता की ओर जा रहे थे।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 09:16 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:16 PM (IST)
Sanskarshala Facebook Live : पश्चिमी सभ्यता के पीछे न भागें बच्चे, अपनी संस्कृति का सम्मान करें
गोविंद शर्मा ने बच्चों को पश्चिमी सभ्यता के पीछे भागने की बजाए अपनी संस्कृति का सम्मान करने की सीख दी।

जम्मू, जागरण संवाददाता : दैनिक जागरण संस्कारशाला के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय जम्मू में नोडल आफिसर गोविंद शर्मा ने बच्चों को पश्चिमी सभ्यता के पीछे भागने की बजाए अपनी संस्कृति का सम्मान करने की सीख दी। बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी संस्कृति को समझे और अच्छे नागरिक बनें।

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उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाती है। हमें बड़ों का आदर करना सिखाती है। उन्हाेंने कहा कि हम लोग अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे है। हमारे बच्चे रीति रिवाज से दूर होते जा रहे हैं। हमारे बच्चे पश्चिमी सभ्यता की ओर जा रहे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले हम लोग अपना जन्मदिन मनाते थे तो हमारे उस दिन की शुरूआत सुबह माता-पिता या घर के बड़ों का आशीर्वाद लेकर होती थी। हम घर के सभी सदस्यों के साथ अपना जन्मदिन मनाते थे लेकिन अब लोग रात के बारह बजे केक काटना शुरू हो गए हैं।

ऐसी छोटी छोटी छोटी प्रथाएं हमें अपने संस्कारों से दूर कर रही है। उन्होंने कहा कि त्रेता युग में भगवान रामचंद्र को जब वनवास हुआ था तो वह पूरा काल भाइयों में आपस में भाइयों के संबंधी, उनके स्नेह को दर्शाता है लेकिन अब यह संस्कार कम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हम भी अपने बच्चों को नैतिक शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। इसका कारण यह है कि हम बच्चों से अधिक अंक लाने की उम्मीदें लगाते हैं। उनकी पढ़ाई पर तो हम ध्यान रखते हैं लेकिन उन्हें अच्छे संस्कार देने की तरफ हमारा ध्यान ही नहीं जाता। उन्होंने कहा कि बेहतर अंक लाना अच्छी बात है लेकिन नैतिक शिक्षा भी बहुत जरूरी है। उन्होंने शिक्षकों को रोल माडल की भूमिका निभाने का संदेश देते हुए कहा कि हमें खुद का व्यवहार भी बेहतर रखना है ताकि बच्चे भी हमें देख वैसा बन सकें।

उन्होंने कहा कि समाज को हम से नैतिकता के अलावा और भी बहुत कुछ चाहिए। हमें अपनी दूसरी जिम्मेदारियों को भी निभाना होगा। पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देना होगा। पौधारोपण करना होगा। इसके अलावा अपने वातावरण को स्वच्छ भी बनाना हमारी ही जिम्मेदारी है। इस समय हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद स्वच्छ भारत अभियान की कमान संभाले हुए हैं। उन्होंने स्वच्छता के महत्व को लोगों को समझाया है। ऐसे में हमारी विशेषकर युवा पीढ़ी की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह भी इस अभियान का हिस्सा बनें। हमें अपने घर से स्वच्छता का अभियान शुरू करना है और इसे आगे लेकर जाना होगा। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी भी अपनी जिम्मेदारी समझे। वह अच्छे से व्यवहार करे और एक बेहतर समाज का निर्माण करें।


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