Jammu Kashmir Union Territory: जम्मू कश्मीर में डेमिसाइल पालिसी की घोषणा कभी भी, अंतिम रूप दिया जा रहा
बेग ने कहा कि यदि संवैधानिक गारंटी जो अनुच्छेद 370 का हिस्सा थी अनुच्छेद 371 के रूप में लोगों को दी जाती है तो यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
जम्मू, जेएनएन। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के लिए डोमिसाइल पालिसी को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी। जम्मू कश्मीर के निवासी आैर यहां के राजनीतिज्ञों को उम्मीद है कि वायदे के मुताबिक सरकार भूमि व नौकरियों में उनके अधिकारों का हनन नहीं करेगी परंतु प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह नई नीति जम्मू-कश्मीर में रह रहे उन बाहरी राज्यों के लोगों को भी भूमि अधिकार और नान-गजटेड नौकरियां सुनिश्चित करेगी जो पिछले 15 वर्षों से यहां रह रहे हैं।
इसी बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग ने सरकार से कहा है कि यदि संवैधानिक गारंटी जो अनुच्छेद 370 का हिस्सा थी, अनुच्छेद 371 के रूप में लोगों को दी जाती है, तो यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी। यदि सर्वोच्च अदालत अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखती है तो फिर हम अनुच्छेद 371 का विस्तार करेंगे। उनका कहना है कि भले लिखित में अनुच्छेद 370 अस्थायी था परंतु व्यावहारिक रूप से नहीं।
बेग ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक केंद्र सरकार कश्मीर में हिरासत में रखे गए तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित सभी राजनीतिक नेताओं को रिहा नहीं करती है, तब तक वह भविष्य की कोई रणनीति नहीं बना सकते।
सूत्रों का कहना है कि डोमिसाइल पालिसी बना ली गई है और अब किसी भी समय इसकी घोषणा की जा सकती है। यह नई पालिसी कई सालों से जम्मू-कश्मीर में रह रहे दूसरे राज्यों के लोगों को जमीन के मालिक होने और सरकारी नौकरी पाने की गारंटी देगा, जो पहले अनुच्छेद 35-ए के तहत केवल जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को मिल रही थी। इससे पहले कोई भी बाहरी व्यक्ति यह विशेषाधिकार नहीं पा सकता था।
नई नीति के तहत पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों, वाल्मीकियों और आईएएस, आईपीएस, आईएफएस सहित अन्य केंद्र सरकार के अधिकारियों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिए जाएंगे जो इससे संबंधी आवश्यक मानदंड को पूरा करते हैं।