जम्मू कश्मीर के लिए जल्द आएगा डोमिसाइल कानून : डॉ. जितेंद्र सिंह
प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि डोमिसाइल कानून जल्द आ रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि डोमिसाइल कानून जल्द आ रहा है। उसके बाद भूमि कानून आएगा। जैसे ही नियमों की अधिसूचना जारी हो जाएगी, जम्मू कश्मीर के युवाओं से किए गए वादों से कहीं अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। स्थानीय युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ही डोमिसाइल कानून आएगा।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद कई पार्टियां भूमि अधिकारों और स्थानीय युवाओं के रोजगार की चिंता को लेकर डोमिसाइल कानून बनाने की मांग कर रही हैं। शनिवार को जम्मू में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसन जम्मू (आइआइआइएम) और कनाडा की फार्मास्यूटिकल कंपनी इंडुसस्कैन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के समारोह में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास की तेजी देश की पांच ट्रीलियन की अर्थव्यवस्था बनने में सहयोग देगी। यह एक ऐतिहासिक एमओयू है। आइआइआइएम की दीवारों से देश की पांच ट्रीलियन अर्थव्यवस्था बनने की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कह रहे हैं कि जिस तरह का विशेष ध्यान उत्तर पूर्वी राज्यों पर दिया जा रहा है, उसी तरह का सहयोग जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दिया जाएगा। जिन्हें शक है, वे देख लें कि थोड़े समय में कितना बदलाव आया है। अब सारी अड़चनें दूर हो गई हैं और जम्मू कश्मीर सीधे केंद्र के अधीन है।
डॉ. सिंह ने कहा कि आजकल कुछ राजनीतिज्ञ बेरोजगार हो गए हैं। उनमें एक राजनेता स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मांग उठा रहे हैं। मैं उनको बताना चाहता हूं कि किए गए वादों से अधिक पद निकाले जाएंगे, लेकिन यह नियमों के अनुसार पारदर्शी ढंग से होगा। हम नियमों की अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव सिंह ने कहा था कि पचास हजार पदों को निकालने की घोषणा की गई थी, लेकिन एक भी पद नहीं भरा गया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने हमला बोलते हुए कहा कि हर चीज होगी, लेकिन आप की सरकार की तरह नहीं होगी, जिसमें पिछले दरवाजे से नियुक्तियां करते हुए युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। जिन युवाओं को रोजगार दिया गया, उनकी आयु 35 साल हो चुकी है, लेकिन अभी तक वे स्थायी नहीं हो पाए। जम्मू कश्मीर में नई इंडस्ट्रियल नीति और नई वैज्ञानिक नीति की प्रक्रिया में है। पहले समस्या यह थी कि जम्मू कश्मीर अनुच्छेद 370 से जकड़ा हुआ था। अब ऐसा नहीं।